पहली नौकरी हर किसी के लिए बेहद खास होती है। वेतन मिलने की शुरुआत के साथ अक्सर युवक-युवती परिवार, दोस्तों एवं सहकर्मियों के साथ पार्टी-पिकनिक शुरू कर देते हैं। अपने लिए महंगे सामान खरीदने लगते हैं। जबकि युवाओं को पहले वेतन से ही निवेश शुरू करना चाहिए। विशेषज्ञ बताते हैं कि वेतन का 20 से 30 प्रतिशत बचत कर निवेश शुरू करें तो उनका भविष्य सुरक्षित हो सकता है।
निवेश सलाहकारों का कहना है कि कम उम्र में निवेश शुरू करने का फायदा यह होता है कि जब वित्तीय जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं तो आपके पास पैसों की समस्या आड़े नहीं आती हैं। निवेश का एक सीधा सा फंडा है कि जितनी जल्द निवेश शुरू करेंगे, भविष्य उतना ही अधिक सुरक्षित होगा। जल्द निवेश से लंबी अवधि तक निवेश करने पर अधिक पूंजी बना सकते हैं।
युवा अवस्था में वित्तीय योजना में समय का महत्व काफी ज्यादा होता है क्योंकि यह चक्रवृद्धि मुनाफा देता है। उदाहरण के लिए यदि एक 25 वर्षीय युवा हर महीने 5000 रुपये का निवेश करता है तो 10 फीसदी के चक्रवृद्धि ब्याज के अनुसार 55 साल की उम्रतक वह एक करोड़ रुपये का फंड जुटाने में सफल हो सकता है।
वहीं, यदि वह 30 साल की उम्र में 5,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश प्रारंभ करे तो 10 फीसदी की दर से अगले 30 सालों में उसका फंड 60 लाख रुपये ही होगा। इसलिए विशेषज्ञ समय रहते ही बचत और निवेश की शुरुआत की सलाह देते हैं। ऐसे में पहली नौकरी से ही शुरुआत करना बेहतर है।
शुरुआत से ही पेंशन फंड में करें निवेश
भविष्य की योजनाओं के तहत अच्छा पेंशन प्लान चुनना बहुत जरूरी है। बेहतर रिटर्न वाला प्लान 60 साल की उम्र के बाद आर्थिक मजबूती देता है। इसके लिए वेतन से कुछ पैसे बचाकर उसे अलग-अलग स्थानों पर निवेश किया जा सकता है। इसमें एसआईपी से जुड़े पेंशन प्लान सालाना 12 से 15 फीसदी तक रिटर्न देते हैं। इसके अलावा पीपीएफ, एनपीएस जैसी योजनाओं में भी निवेश किया जा सकता है। पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
वीपीएफ के जरिए पीएफ खाते में ज्यादा योगदान कर सकते हैं। पीएफ में 8.5 फीसदी ब्याज मिलता है।
बचत को बैंक खाते में खाली छोड़ना
कई बार युवा पैसों को निवेश नहीं करके बैंक के बचत खाते में छोड़ देते हैं। उन्हें लगता है कि बचत कर रहे, लेकिन यह भी नुकसान का सौदा है। इस रकम की कम-से-एफडी तो करानी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर बढ़ती महंगाई के साथ पैसों की अहमियत समय के साथ कम होती जाएगी। अच्छे रिटर्न के लिए एसआईपी भी ले सकते हैं।
कम जोखिम वाली योजनाएं भी उपलब्ध
अगर आप पर अभी कोई पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं है तो जोखिम वाली म्यूचुअल ंफंड योजनाओं में निवेश बेहतर विकल्प है। लेकिन बिना जोखिम के लाभ अर्जित करना चाहते हैं तो एफडी, डाकघर बचत योजना, आवर्ति जमा योजना (आरडी), राष्ट्रीय बचत पत्र जैसे विकल्प भी उपलब्ध हैं। इन पर सालाना चार से 6 फीसदी का ब्याज मिलता है। वहीं, गोल्ड बॉन्ड और सोने में भी निवेश किया जा सकता है।
निवेश में विविधता जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि कभी भी एक ही जगह पूरी पूंजी का निवेश न करें। निवेश पोर्टफोलियो में हमेशा विविधता होनी चाहिए। अपनी पूंजी को इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, एफडी और अन्य बचत योजनाओं जैसे विकल्पों में बांटकर निवेश करें। इससे बाजार के उतार-चढ़ाव के चलते एक जगह निवेश में अगर कमी आती है तो दूसरी विकल्प में निवेश में तेजी से उसकी भरपाई हो सकती है। इससे आर्थिक संतुलन बना रहता है।
म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में लगाएं पैसा
बड़ा फंड बनाने के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। अगर शेयर बाजार में निवेश शुरुआत में मुश्किल लगता है, तो एसआईपी में पैसा लगाकर लाभ कमा सकते हैं। सिर्फ 500 रुपये से एसआईपी की शुरुआत होती है। इसके बाद बचत के अनुसार इस रकम को बढ़ा सकेंगे। जोखिम वाले म्यूचुअल फंड में सालाना 20 से 22 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है।
अधिक मुनाफे के लिए प्रयोग से बचें
कुछ युवा जल्द पैसा कमाने के चक्कर में भारी नुकसान कर बैठते हैं। उनको अपने पैसों के साथ बहुत अधिक प्रयोग नहीं करने चाहिए। बिना सोचे-समझे शेयर बाजार अथवा क्रिप्टो करंसी में भी निवेश से बचना चाहिए। कहीं भी पैसे निवेश करने से पहले उसकी अच्छाइयों के साथ कमियों की भी जानकारी जरूर लें।