, इटावा : बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत मिड-डे मील की रसोइयों को बच्चों को पौष्टिक भोजन परोसने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण पौष्टिक और स्वच्छ भोजन बनाने के लिए उन्हें फिल्म दिखाकर दिया जाएगा। प्रशिक्षण फिल्म के बाद विद्यालयों के प्रधानाध्यापक रसोईयों के साथ प्रशिक्षण को लेकर चर्चा करेंगे। रसोइयों को प्रशिक्षण के दौरान दिखाए जाने वाले 45 मिनट की फिल्म के माध्यम से यह बताया जाएगा कि सब्जियां बनाने से पहले किस तरह से धोएं, उन्हें कैसे काटें ताकि पौष्टिक तत्व बरकरार रहें। यदि विद्यालयों में पोषण वाटिका है तो वहां की सब्जियों का प्रयोग कैसे बेहतर किया जाए।
जनपद में 1484 परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए वर्तमान में कुल 3712 रसोइयां कार्यरत हैं। इनमें 3347 महिला और 365 पुरुष हैं। रसोइयों में उन लोगों को प्राथमिकता दी गई है, जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। विधवा या परित्यक्ता हैं। मिड- डे मील के जिला समन्वयक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 45 मिनट की फिल्म के माध्यम से रसोइयों को सब्जियों को तोड़ने, काटने से लेकर पकाने का बेहतर तौर-तरीका भी बताया जाएगा। रसोई में स्वच्छता, भोजन पकाने व परोसने के साथ ही रसोइयों को चूल्हा और सिलिंडर के इस्तेमाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की भी जानकारी दी जाएगी।
प्रधानाध्यापक-इंचार्ज अध्यापक के माध्यम से रसोईयों का प्रशिक्षण पूर्ण कराने के बाद मध्याह्न भोजन प्राधिकरण उप्र को इसकी रिपोर्ट 10 जनवरी 2024 तक उपलब्ध करायी जाएगी।
• 45 मिनट की फिल्म में पौष्टिक व स्वच्छ बनाने की विधि बताएंगे
• प्रधानाध्यापक व अध्यापकों को दी गई प्रशिक्षण की जिम्मेदारी
इन वातों का रखना होगा ख्याल
• बच्चों को भोजन परोसने से पूर्व रसोईया या अध्यापक अथवा अभिभावक द्वारा अनिवार्य रूप से चखा जाए।
• विद्यालयों में बच्चों को भोजन परोसने से पूर्व उनके हाथ अवश्य धुलवाए जाएं।
• बच्चों को बिना किसी भेदभाव के सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक साथ बैठाकर ही भोजन कराया जाए ।
• रसोइयों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति को प्रवेश न करने दिया जाए।