प्रदेश में परिषदीय विद्यालय के बच्चों को पीएम पोषण (मध्याह्न भोजन) योजना के तहत दोपहर में भोजन दिया जाता है। बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य का मामला संवेदनशील है। साथ ही भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए रसोइयों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही निर्देश दिया गया है कि खाना परोसने से पहले रसोइयां, शिक्षक, अभिभावक अनिवार्य रूप से चखें।
इसी महीने नवीन पोषण प्रशिक्षण फिल्म के माध्यम से रसोइयों को प्रशिक्षित करने का निर्देश सभी बीएसए को दिया जाएगा। प्रशिक्षण में रसोइयों को खाना बनाने से पहले साफ-सफाई, किचेन में चूहे, छिपकली व कीड़े न हो, भोजन ढककर ही पकाया जाए और भोजन ढककर ही रखा जाए। साथ ही खाना बनाने में आयोडीन युक्त नमक, सीलबंद व एगमार्क तेल, मसाले का प्रयोग किया जाए।
निदेशक मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने कहा है कि बच्चों को बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठाकर भोजन कराया जाए। बच्चों को ताजा बना, गर्म भोजन तैयार करके ही दोपहर की छुट्टी में वितरित किए जाए। किचेन में रसोइयों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति का प्रवेश न होने दिया जाए। उन्होंने कहा है कि साफ-सफाई आदि पर फोकस करते हुए प्रशिक्षण कराकर इसकी जानकारी प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जाए।