सभी लोग असमंजसता में है क्योंकि अधिकारियों ने कहीं भी ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं दिया है कि स्थिति सपस्थ हो सके यहाँ तक कि जिले के अधिकारी भी दिशा निर्देश उच्च अधिकारियों से माँग रहे हैं लेकिन इसी बीच सबसे अधिक चिंता वाली बात ये है कि वर्तमान सत्ता tyranny पर है, अभी आप किसी से कुछ कहो तो सिस्टम की बात कहेंगे लेकिन आप स्वयं बताइए सत्ता द्वारा बैठाए गए अधिकारी जो IAS level के हैं क्या उन्हें नहीं पता सही क्या है ग़लत क्या है? क्या उन्हें नही पता कि सरकार ने जो वादे पदोन्नत्ति और स्थानांतरण के किये हैं उन्हें सूचित रूप कैसे पूर्ण करना है? क्या उन्हें नही पता कि वर्तमान सत्ता में कोई भी पद का सृजन नही हुआ और अभ्यर्थी वर्षों से इसी आस में हैं कि अपने घर जा सकें और इतने समय बाद पदोन्नत्त हो सकें?
इसी माँग को लेकर सभी आज आपस में लड़ने पर आमादा हैं जबकि पूर्ण रूप से शासन ज़िम्मेदार है क्योंकि हम और आप विद्यालयों में हैं तो वास्तु स्थिति का हमें पता है। पदों सृजन न होना आने वाले कई वर्षों तक पदोन्नत्ति, स्थानांतरण और नियुक्तियों के लिए रास्ते बंद करता है इसलिए हमें एकजुट होकर पदोन्नत्ति हो या स्थानांतरण सब पर सरकार को घेरना होगा, आज नही तो कल इस तानाशाही को हम आड़े हाथों लेंगे।
विभाजित न हो एकजुट होकर कार्य करना है और स्वार्थ से परे होकर नियम संगत जो है उसको पालन करवाना है ।
धन्यवाद
हिमांशु राणा
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