लखनऊ। समग्र शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, इसके लिए अब परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ब्लॉक स्तर पर यह अभियान पांच दिन तक चलेगा। जिला स्तर पर प्रशिक्षित हुए स्पेशल एजुकेटर ही शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण देंगे।
समावेशी शिक्षा के आधार पर सामान्य बच्चों के साथ दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने का प्रावधान है। परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों की संख्या बढ़े, इसके लिए अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक, सरकारी स्कूलों में अभी 5300 दिव्यांग बच्चे पंजीकृत हैं, इन्हें पढ़ाने के लिए 26 स्पेशल एजुकेटर नियुक्त किए गए हैं। ब्लॉक स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी, विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षक शामिल होंगे। यहां प्रशिक्षित एजुकेटर दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने की ट्रेनिंग देंगे।
बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मेडिकल असेसमेंट कैंप, मेजरमेंट, उपकरण वितरण, फिजियोथेरपी, स्पेशल एजुकेटर द्वारा सपोर्ट व पैरेंट्स काउंसिलिंग शामिल है। उन्होंने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले, ताकि समग्र शिक्षा को बढ़ावा मिले।