प्रयागराज। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के लिए हाफ डे लीव की व्यवस्था नहीं होने के कारण शिक्षकों को कभी कभी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में होने वाली अप्रिय घटनाएं न केवल शिक्षक परिवार को झकझोर दिया करती हैं बल्कि समाज के लोगों की भी रूह कंपा देती हैं। सुल्तानपुर जनपद के ब्लॉक कुड़वार के प्राथमिक विद्यालय रवनिया पूरे चित्ता के इंचार्ज प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी 2 दिसम्बर को विद्यालय आए। विद्यालय आने के बाद परिवार से सूचना मिली कि बेटे का हाथ टूट गया है जल्द घर पहुंचे। मामले से खंड शिक्षाधिकारी को
अवगत कराया गया। बावजूद इसके बीईओ द्वारा सहानुभूति की जगह शिक्षक को डांटा व अपमानित किया गया। अपमानित शिक्षक ने जहरीला पदार्थ खा लिया और इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। यदि हॉफ डे लीव की व्यवस्था होती तो एक जान न जाती। कोरांव स्थित टौंगा कला के सहायक अध्यापक अशोक द्विवेदी ने बताया कि अगर विद्यालय में शिक्षण के दौरान किसी अध्यापक की तबियत खराब होती है या उसके परिवार में किसी की तबियत खराब होती है तो आकस्मिक अवकाश बचे होने पर भी वह उस दिन आकस्मिक अवकाश नहीं ले सकता। ऐसी स्थिति में अधिकारियों को विकल्प भी बताना चाहिए क्योंकि कोई भी जांच होने पर वह तो अनुपस्थित ही मानेंगे। शिक्षक ने विभागीय अधिकारियों के साथ साथ संगठन के पदाधिकारियों से भी अनुरोध किया है कि हाफ डे लीव के मुद्दे को तर्क के साथ उठाएं जिससे ये सुविधा मिल सके और भविष्य में शिक्षकों के साथ ऐसी अप्रिय घटनाएं न घटित हो।