प्रयागराज, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा के पूर्व महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकांश स्कूलों का कायाकल्प करने के साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग तक ऑनलाइन कर दी लेकिन बात जब शिक्षकों की सहूलियत हो तो विभाग के अफसरों की बेरुखी दिखने लगती है। पूर्व महानिदेशक ने शिक्षकों को लोन, चयन वेतनमान और एनओसी की व्यवस्था ऑनलाइन करने के लिए 17 अगस्त 2022 को एनआईसी के अफसरों को पत्र लिखा था।
मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से औपचारिकता पूरी करने के बाद लोन समेत अन्य सभी सुविधाएं देने की तैयारी थी लेकिन दस दिन में शिक्षकों की हाजिरी ऑनलाइन कराने वाला विभाग आज तक ये सुविधाएं ऑनलाइन नहीं दे सका है। प्रदेशभर के शिक्षक अपने ही जीपीएफ से लोन लेने के लिए महीनों अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
सवा साल बाद भी ऑनलाइन लोन नहीं, शिक्षक परेशान
केस उच्च प्राथमिक विद्यालय कुसुआ विकास खंड कौड़िहार द्वितीय के सहायक अध्यापक जितेन्द्र कुमार पांडेय ने भी तकरीबन दो महीने पहले अपने जीपीएफ से लोन के लिए आवेदन किया था लेकिन वह भी लोन के लिए भटक रहे हैं।
उच्च प्राथमिक विद्यालय लखनपुर विकास खंड कौड़िहार द्वितीय के सहायक अध्यापक रतिभान सिंह ने मकान खरीदने के लिए डेढ़ महीने पहले जीपीएफ से लोन का आवेदन किया था लेकिन आज तक लोन मंजूर नहीं हो सका है।
● लोन, चयन वेतनमान और एनओसी की व्यवस्था नहीं
● मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन मिलनी थीं सुविधाएं
शिक्षकों को अपने ही लोन, चयन वेतनमान के लिए भटकना पड़ रहा है। स्कूल टाइमिंग में अपने काम की पैरवी करने के लिए जा नहीं सकते। इसलिए बार-बार छुट्टी लेकन लोन, चयन वेतनमान और एनआईसी वगैरह के लिए भटकना पड़ता है।
-देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ