✍️ ट्रांसफर, प्रमोशन, भर्तियां... आदि मामलों पर हक़ीक़त पता है क्या है शासन की....


हक़ीक़त पता है क्या है शासन की , ये अपने आप से अधिक बुद्धिमान किसी को नही समझते हैं पर हक़ीक़त ये है कि अब नई पीढ़ी कोर्ट कचहरी घूमकर आती है जिसके ज़िम्मेदार भी ये स्वयं ही हैं।


आप स्वयं सोचें जब एक अध्यापक को समस्त क़ायदे क़ानून नियम पता है तो ये बाबू जो मोटी मोटी तनख़्वाह ले रहे हैं क्या इन्हें हर बात पता न होगी कि कब TET लगा है और उसकी अबकि guidelines क्या हैं?

अभी आप पहुँच जाइए इनके पास कि साहब ये कहा है कोर्ट ने तुरंत बेवक़ूफ़ बनाएँगे कि न्याय विभाग के पास भेज देते हैं तो अब आप बताइए नियुक्तियों, स्थानांतरण या पदोन्नत्ति में पहले चीज़ें अपने न्याय विभाग के पास नही भेज सकते हैं?

69000 भर्ती सड़क पर है, स्थानांतरण वो कोर्ट में है और अब ये नया शिगूफ़ा कि बिना TET के पदोन्नत्ति होगी जबकि स्वयं कोर्ट में जा जाकर हलफ़नामे दे रहे हैं।


हक़ीक़त ये है ये एक चीज़ मन से करना नही चाहते हैं इन्हें लगता है बस यही सही हैं और अभ्यर्थी बेवक़ूफ़ हैं ।

हालाँकि मैं whatsapp समूह इत्यादि में विश्वास नही करता और न ही कहीं join हूँ केवल स्थानांतरण के वो भी उनके जो मैंने स्वयं बनाए हैं क्योंकि केस लड़ रहा हूँ, इसी तर्ज़ पर एक whatsapp समूह का निर्माण करूँगा जो केवल प्रमोशन को लेकर होगा यानी वे साथी जो tet के साथ प्रमोशन चाहते हैं वे उस समूह से अवश्य जुड़ें।

#rana