कस्तूरबा विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों का होगा मूल्यांकन, शासन ने तय किए परफॉर्मेंस इंडिकेटर


लखनऊ। प्रदेश में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के बेहतर संचालन व गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने के लिए शासन ने प्रदर्शन सूचक (परफॉर्मेंस इंडिकेटर) निर्धारित किए हैं। इसके आधार पर शिक्षकों, वार्डन, लेखाकार व रसोइयों का मूल्यांकन किया जाएगा।



कस्तूरबा विद्यालयों में बालिका शिक्षा के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन होता है। इसकी मोबाइल एप व पोर्टल से नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। मूल्यांकन में 80 से 100 अंक पाने वाले उत्कृष्ट, 60 से 79 अंक पाने वाले उत्तम, 50 से 59 अंक पाने वाले संतोषजनक और 50 से कम अंक पाने वाले असंतोषजनक की श्रेणी में रखे जाएंगे।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि वार्डन का मूल्यांकन छात्राओं के नामांकन व उपस्थिति, स्टाफ की उपस्थिति, उनकी खुद की उपस्थिति, छात्राओं के निपुण मूल्यांकन, खेलकूद,



अन्य शैक्षिक गतिविधियों, अवस्थापना सुविधा, वित्तीय कार्य, सुरक्षा आदि पर किया जाएगा। वहीं, नियमित व अंशकालिक शिक्षकों का मूल्यांकन उनकी सुबह-शाम की उपस्थिति, निपुण मूल्यांकन, उनके विषय में छात्राओं की उपस्थिति, खेलकूद व अन्य गतिविधियों और सर्वांगीण विकास के लिए किए गए कार्यों के आधार पर होगा। इसी तरह लेखाकारों का मूल्यांकन वित्तीय गतिविधियों व रसोइयों का सफाई आदि के आधार पर होगा। उन्होंने बताया कि जिला समन्वयक यह प्रदर्शन सूचकांक बीएसए को भेजेंगे। बीएसए डाटा के आधार पर संबंधित कार्मिक का प्रदर्शन अंतिम रूप से तय करके निदेशालय को भेजेंगे। इसी आधार पर उनको जिला व प्रदेश स्तर पर सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाएगा।