प्रयागराज। आठ साल के लंबे संघर्ष के बाद उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. ब्रह्मदेव का वेतन बढ़ाने के लिए शासन ने मंजूरी दे दी है। आरक्षण में प्रमोशन खत्म होने पर उन्हें डिमोट करने के साथ वेतन भी कम कर दिया गया था। शासनादेश की सही व्याख्या के बाद उनका मूल वेतन संशोधित कर दिया गया है।
डॉ. ब्रह्मदेव को अभी तक एक लाख 77 हजार 200 रुपये मूल वेतन मिल रहा था, जबकि उनका मूल वेतन दो लाख 11 हजार होना चाहिए था। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ.ब्रह्मदेव ने बताया कि वर्ष 2015 में जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था खत्म की गई थी तो इसका लाभ पाने वाले सभी कार्मिकों को पदानत (डिमोट) कर दिया गया था। तब शासनादेश जारी हुआ था कि डिमोशन तो किया जाएगा लेकिन किसी का वेतन कम नहीं होगा।
डॉ. ब्रह्मदेव को एससी श्रेणी के तहत प्रमोशन में आरक्षण का लाभ मिला था। उस वक्त वह गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, अनौगी कन्नौज के प्राचार्य थे। डॉ. ब्रह्मदेव ने बताया कि
सभी विभागों में कार्मिकों को डिमोट तो किया
गया लेकिन वेतन कम नहीं किया गया।