बहराइच/विशेश्वरगंज। वर्तमान शिक्षण सत्र खत्म होने में महज दो से तीन महीने ही शेष हैं। इस बीच वर्ष के अंत में मंगलवार को विशेश्वरगंज के एक प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को बांटने के लिए पुस्तकें पहुंचीं। इसके अलावा एक सप्ताह पहले पुलिस लाइन स्थित मूक बधिर विद्यालय में भी पुस्तकों की खेप उतरती देखी गईं थीं। ठेकेदारों की मनमानी के चलते शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने के साथ ही अभिभावकों में भी रोष है।
परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा रही है। बच्चों को निशुल्क यूनीफार्म, पुस्तक, स्टेशनरी तथा मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है। मगर विभाग की ओर से बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने में काफी देरी हुई है।
वर्ष 2023 के समापन में कुछ ही दिन शेष हैं, लेकिन परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकों का वितरण अभी भी चल रहा है। विशेश्वरगंज ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बरगदही में मंगलवार दोपहर बच्चों को वितरित करने के लिए पुस्तकों की खेप पहुंची। इस पर किताब लेने के लिए काफी संख्या में बच्चे स्कूल से निकलकर बाहर आ गए। वहां मौजूद कुछ अभिभावकों ने
कहा कि कुछ महीने बाद नया सत्र शुरू हो जाएगा। इतने कम समय में बच्चे पढ़ाई कैसे कर पाएंगे। इसे लेकर अभिभावकों में जबरदस्त रोष है।
जिम्मेदारी ठेकेदार की है
पुस्तकें पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की। होती है। ठेकेदार की मनमानी के चलते कुछ विद्यालय में कक्षा एक के बच्चों की पुस्तकें नहीं पहुंचाई गई थीं। किताबें समय से न पहुंचने के कारण भुगतान रोक दिया गया था। इस पर ठेकेदार ने प्राथमिक विद्यालय बरगदही के बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराई हैं। - मनमोहन सिंह, खंड शिक्षाधिकारी विशेश्वरगंज