प्राइमरी स्कूलों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति की प्रक्रिया अब 22 नवंबर तक पूरी होगी। शिक्षकों की पदोन्नति के लिए पिछले 11 महीने में यह चौथी बार तारीख बढ़ाई गई है। ऐसे में प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा एमकेएस सुंदरम ने इस पर नाराजगी भी जताई।
गुरुवार को उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने इस प्रकरण पर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब-तलब किया और पूछा कि आखिर बार-बार तारीख क्यों बढ़ाई जा रही है।
जनवरी से पदोन्नति का कर रहे इंतजार
बैठक में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने उन्हें बताया कि अभी शिक्षकों से संबंधित डाटा पूरा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, ऐसे में वक्त लग रहा है। फिलहाल उन्होंने अब आगे तय की गई तारीख तक इसे हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए।
सचिवालय स्थित प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा के कार्यालय कक्ष में आयोजित इस बैठक में उप्र शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षक इस वर्ष जनवरी से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं और चार बार तारीख बढ़ाई जा चुकी है।
पहले 31 जनवरी को पत्र जारी कर 10 अप्रैल तक, दूसरी बार 25 मार्च को पत्र जारी कर इसे 25 अप्रैल तक, तीसरी बार 15 अक्टूबर को पत्र जारी कर इसे आठ नवंबर तक पूरा करने और अब चौथी बार इसे बढ़ाकर 22 नवंबर तक किया गया है। आखिर पिछले छह वर्षों से प्रोन्नति का इंतजार कर रहे शिक्षक कब तक इसकी आस में बैठे रहेंगे।
सीट आरक्षित करने जैसे मुद्दे पर भी वार्ता
इसके अलावा दिव्यांग शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति वाहन भत्ता देने, शिक्षकों के मृतक आश्रितों के लिए बीटीसी व डीएलएड में पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित करने, परिषदीय स्कूलों में सफाई कर्मियों की तैनाती करने और बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को ब्रिज कोर्स कराने इत्यादि मुद्दों पर वार्ता की गई।
प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा ने इन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद भी मौजूद रहे। वहीं उप्र शिक्षक महासंघ की ओर से एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी व उप्र शिक्षक महासंघ के संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।