लखनऊ। पुरानी पेंशन समेत पांच प्रमुख मुद्दों पर शासन के साथ मंगलवार को विचार-विमर्श होगा। इसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी और शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं नियुक्ति डॉ. देवेश चतुर्वेदी मौजूद रहेंगे। केंद्र की तर्ज
पर प्रदेश में भी 1 अप्रैल 2005 से पहले चयनित या विज्ञापित पदों पर भर्ती होने वालों को पुरानी पेंशन का भी लाभ देने का मामला भी प्रमुखता से उठेगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद प्रदेश के महामंत्री शिवचरन सिंह ने बताया कि सभी कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन की मांग दोहराई जाएगी। अंशदायी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त कार्मिकों को कैशलेस चिकित्सा में आ रही दिक्कतों को दूर करने का मामला उठाया जाएगा। केंद्रीय अधिसूचना के क्रम में उत्तर प्रदेश में भी 28 मार्च 2005 से पूर्व रिक्त पदों के लिए जारी विज्ञापन के आधार पर नियुक्त कार्मिकों व शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में लाने पर बात होगी। वेतन विसंगतियों, रोके गए भत्तों को बहाल करने और डीए के एरियर का मुद्दा भी वार्ता के एजेंडे में शामिल कर लिया गया है। कर्मचारियों से संबंधित अन्य मुद्दे भी प्रमुखता से उठने की उम्मीद है।
केंद्र की तर्ज पर पुरानी पेंशन का विकल्प दे चुके हैं उत्तराखंड और हरियाणा
नई पेंशन योजना लागू होने से पहले जिन लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, केंद्र उन्हें पुरानी पेंशन का विकल्प दे चुका है। इसी तर्ज पर उत्तराखंड और हरियाणा भी अपने कार्मिकों को यह सुविधा दे चुका है। इसी आधार पर यूपी में भी एक अप्रैल 2005 से पहले चयनित या विज्ञापित पदों पर भर्ती पाने वालों के लिए इस सुविधा की मांग की जा रही है