प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि कर्मचारी की सर्विस बुक में प्रथम बार दर्ज जन्मतिथि संशोधित नहीं की जा सकती। भले ही बोर्ड में जन्मतिथि को संशोधित कर दिया हो। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला ने झांसी जिले में सेवारत अध्यापिका कविता कुरील की याचिका खारिज करते हुए दिया है। अध्यापिका ने बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी के
19 अप्रैल 2023 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें जन्मतिथि को संशोधित करने से मना कर दिया गया था।
याची के अधिवक्ता का कहना था कि हाईस्कूल के प्रमाणपत्र के अनुसार जन्मतिथि तीन नवंबर 1967 है। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने ठीक भी कर दिया है। ऐसी स्थिति में हाईस्कूल प्रमाणपत्र के आधार पर उक्त नियमावली के तहत याची अध्यापिका की सर्विस बुक में जन्मतिथि तीन नवंबर 1960 की जगह तीन नवंबर 1967 दर्ज की जाए। याची की नियुक्ति बतौर सहायक अध्यापिका वर्ष 2006 में औरैया में हुई थी।