लखनऊ। बेसिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक इन दिनों अजीब पशोपेश में फंसे हुए हैं। एक तरफ विभाग ने जिले के अंदर आपसी तबादले की प्रक्रिया लगभग पूरी करके रोक दी है, तो दूसरी तरफ पदोन्नति प्रक्रिया आठ नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
इसे देखते हुए शिक्षकों ने पदोन्नति से पहले तबादले करने की मांग की है। शिक्षकों ने कहा कि यदि पदोन्नति प्रक्रिया अगर तबादले से पहले पूरी होती है तो काफी शिक्षकों के जोड़े टूट जाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस सत्र में शासनादेश में
ढील देकर रिलीविंग ज्वाइनिंग का आदेश जारी किया जाए।
ताकि हजारों जोड़े (पेयर) को टूटने से बचाया जा सके। उप्र. बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि शिक्षकों के दूसरे विद्यालय जाने से निपुण लक्ष्य व छात्र शिक्षक अनुपात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन बीच सत्र में पदोन्नति होने से छात्र- शिक्षक अनुपात जरूर गड़बड़एगा। पिछड़े जिलों में तो एकल स्कूल बंद होने की स्थिति आ सकती है। उन्होंने सरकार से मांग की पहले जिले के अंदर आपसी तबादले हो उसके बाद पदोन्नति की जाए।