एक दिन आगरा के शिक्षक 'मिस्टर इंडिया' बनेंगे। दरअसल, स्कूल में अर्द्धवार्षिक परीक्षा और मतदाता दिवस में शिक्षकों की ड्यूटी एक साथ लगी है। सभी शिक्षक बीएलओ हैं तो उन्हें दोनों जगह ड्यूटी निभानी है।
ताजनगरी आगरा के शिक्षक 'मिस्टर इंडिया' होने वाले हैं। वो एक समय पर ही दो स्थानों पर मौजूद पाए जाएंगे। परीक्षाएं भी कराएंगे। मतदाता सूची में नाम भी बढ़वाएंगे । ये चमत्कार शनिवार को होने वाला है। आइए विस्तार से समझाएं 'मिस्टर इंडिया' की पूरी पहेली ...। दरअसल बेसिक शिक्षा विभाग में शासन के निर्देश पर 31 दिसंबर से 10 नवंबर तक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में परीक्षाएं होनी थीं। 11 से 15 नवंबर तक मूल्यांकन प्रस्तावित है। इसके तहत आगरा में शनिवार से स्कूलों में पेपर होने हैं।
परीक्षा स्कीम भी जारी हो चुकी है। ऐसे में 1,921 प्राथमिक व 570 कंपोजिट विद्यालय में पहली पाली में सुबह साढ़े नौ से 1130 और दूसरी पाली में 1230 से 230 बजे तक परीक्षा होगी। शनिवार को बच्चों की मौखिक परीक्षा है। आनन-फानन में इन परीक्षाओं के पेपर भी इस साल प्रधानाचार्यों को तैयार करने हैं। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए) ने विगत गुरुवार को पेपर बनाने के निर्देश स्कूल के प्रधानाचार्य को दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर निर्वाचन आयोग द्वारा शनिवार को जनपद में मतदाता दिवस के रूप में विशेष अभियान है। ऐसे में सभी बीएलओ की बूथ पर उपस्थित जरूरी है।
जिले में शतप्रतिशत शिक्षक ही बीएलओ हैं। अब एक समय में दो स्थानों पर शिक्षकों की ड्यूटी करनी है। बीएसए जितेंद्र कुमार गौड़ ने पत्र जारी करके शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि शनिवार को होने वाली परीक्षाओं में किसी प्रकार का व्यवधान न आए और शिक्षक बीएलओ को मतदाता बूथ पर उपस्थित रहना है। इस दोहरे आदेश से शिक्षकों भी असमंजस में हैं। यूटा के जिला मंत्री राजीव वर्मा बताते हैं कि एक समय पर दो स्थानों पर शिक्षक ड्यूटी कैसे कर सकते हैं। परीक्षा और बीएलओ की ड्यूटी एक साथ थीं तो परीक्षा आगे भी बढ़ाई जा सकती थी।
आने वाली परीक्षाओं में किसी प्रकार का व्यवधान न आए और शिक्षक बीएलओ को मतदाता बूथ पर उपस्थित रहना है। इस दोहरे आदेश से शिक्षकों भी असमंजस में हैं। यूटा के जिला मंत्री राजीव वर्मा बताते हैं कि एक समय पर दो स्थानों पर शिक्षक ड्यूटी कैसे कर सकते हैं। परीक्षा और बीएलओ की ड्यूटी एक साथ थीं तो परीक्षा आगे भी बढ़ाई जा सकती थी।
एकल शिक्षक वाले स्कूलों में होगी दिक्कत
नगर क्षेत्र और जनपद में ऐसे एक या दो स्कूल नहीं हैं, जिन्हें क शिक्षक चला रहे हैं। ऐसे स्कूलों की संख्या 55 से 60 फीसदी है। कुछ स्कूलों में सहायक बतौर शिक्षा मित्र हैं। ऐसे में सर्वाधिक परेशानी एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में होगी। क्योंकि ये शिक्षक भी बीएलओ हैं। इन्हें निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बूथ पर उपस्थित रहना है। ऐसे में बच्चों की परीक्षा कैसे होगी। बहरहाल ऐसी स्थिति में नुकसान बच्चों की शिक्षा का होना ही तय है।