लखनऊ। प्रदेश में माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों के प्रथमा, मध्यमा व शास्त्री के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दिलाने की कवायद तेज हो गई है। बजट की व्यवस्था न होने से इन पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके मद्देनजर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासन से 26 करोड़ रुपये के बजट की मांग की है। इनको छात्रवृत्ति देने में समाज कल्याण विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा।