प्रयागराज : यूपी बोर्ड वर्ष 2024 की हाईस्कूल इंटरमीडिएट परीक्षा शुचितापूर्ण और निर्विघ्न कराने के लिए केंद्र निर्धारण से परीक्षा तक में होने वाली गड़बड़ियां ठीक करने में अभी से जुट गया है। इस कड़ी में परीक्षा केंद्र की आधारभूत सूचना में कक्ष संख्या ज्यादा दिखाकर गड़बड़ी करने बोर्ड वालों की मंशा विफल करने के लिए सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने चार वर्षों की सूचना का मिलान कराकर आठ हजार से ज्यादा केंद्रों में गड़बड़ी पकड़ी थी। इस पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का पोर्टल के खोलकर सूचना सही अपलोड करने के निर्देश दिए थे, लेकिन तीन जिलों से यह अपडेट सूचना अपलोड नहीं है। अब क्षेत्रीय कार्यालय केंद्रों का औचक निरीक्षण कराकर
बोर्ड सचिव ने चार वर्षों में किसी न किसी वर्ष कक्ष में कम ज्यादा के अंतर को गंभीरता से लिया, क्योंकि अधिक कक्ष दिखाने से अधिक परीक्षार्थी आवंटित किए जाते हैं और परीक्षा केंद्र पर उतनी क्षमता नहीं होने पर वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर किसी तरह परीक्षा संपन्न कराई जाती है। इसके चलते नकल के पैरोकारों को गड़बड़ी करने और सरकार व बोर्ड की छवि धूमिल करने का अवसर मिल जाता है। आठ हजार से ज्यादा केंद्रों की आधारभूत सूचना में अंतर पर अपर सचिवों ने विद्यालयों नोटिस भेजकर जवाब मांगने के साथ सूचनाएं सही अपलोड करने निर्देश दिए थे। इसके बावजूद अभी गाजीपुर, एटा और मैनपुरी से आधारभूत सूचना अपडेट नहीं की गई है। मामले में सभी डीआइओएस से
सही आधारभूत सूचना अपलोड किए जाने का प्रमाणपत्र महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मांगा। इसके अलावा उत्तरपुस्तिका के कवर पेज का रंग बदलकर और बार कोड को कवर पेज से हटाकर मध्य में कराकर कापियां बदलने के नकल माफिया के कुचक्र का खात्मा कर दिया है। अब जोर केंद्रों और स्ट्रांग रूमों की सुरक्षा पर है, ताकि प्रश्नपत्र आउट करने की कोशिशों पर नियंत्रण कर परीक्षा सकुशल संपन्न कराई जा सके।