पढ़ाई छोड़ चुके लोगों को मौका देगा राज्य मुक्त विद्यालय बोर्ड, यूपी सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में जरूरी कदम

राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की दूसरी बैठक में नई नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा। हमारा लक्ष्य सत्र 2024 में इस बोर्ड से परीक्षा कराना है। यदि 2024 में परीक्षा नहीं हो पाती है तो 2025 से मुक्त विद्यालय परिषद की परीक्षाएं होंगी। महेन्द्र देव, शिक्षा निदेशक (माध्यमिक)

● यूपी सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में जरूरी कदम

● यूपी बोर्ड के समकक्ष माना जाएगा प्रमाण पत्र


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने पढ़ाई छोड़ चुके लोगो की शिक्षा पूरी करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य मुक्त विद्यालय परिषद से कक्षा दस और 12 की पढ़ाई पूरी की जा सकेगी और इसके अंकपत्र और प्रमाण पत्र यूपी बोर्ड के समकक्ष होंगे।


राज्य मुक्त विद्यालय परिषद का गठन 2008 में ही हो गया था लेकिन पिछले 15 वर्षों से यह पूरी तरह निष्क्रिय था। अब मुक्त विद्यालय परिषद एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय हो गया है। राज्य स्तरीय बैठक भी हो गयी। जिसमें मुक्त विद्यालय परिषद की नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए गए। परिषद कैसे काम करेगा, कौन-कौन लोग अर्ह होंगे, परीक्षा फार्म कबसे भरे जाएंगे, शुल्क कितना होगा समेत अन्य नियमावली को नवम्बर माह में तैयार कर लिया जाएगा।


राजकीय कॉलेज बनेंगे परीक्षा केन्द्र राज्य मुक्त विद्यालय परिषद से जुड़े सूत्रों की मानें तो सत्र 2024 की यूपी बोर्ड परीक्षाओं के आसपास ही मुक्त विद्यालय की परीक्षाएं आयोजित करने की रूपरेखा पर काम किया जा रहा है। इसके लिए नवम्बर की बैठक के बाद आवेदन का प्रारूप जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की तैयारी है और राजकीय और अनदुानित कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा।


राज्य स्तरीय बैठक के निर्णय राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की राज्य स्तरीय बैठक शिक्षा निदेशक माध्यमिक-सभापति की अध्यक्षता में हुई थी। बैठक में बोर्ड के सदस्य शामिल हुए। जिनमें निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, निदेशक प्राविधिक शिक्षा, निदेशक दूरदर्शन केन्द्र, निदेशक उद्योग निदेशालय, कानपुर, निदेशक राजकीय मुद्राणालय प्रयागराज, प्रधानाचार्य राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज गाजियाबाद, प्रधानाचार्य राजकीय जुबिली कॉलेज गोरखपुर एवं एजुकेटर्स गर्ल्स व पत्राचार शिक्षा संस्थान प्रयागराज के विशेषज्ञ शामिल हुए। जानकारी के अनुसार बैठक में यह भी निर्णय गया कि सबसे पहले बोर्ड की नियमावली तैयारी की जाए। साथ ही चरणबद्ध तरीके से विभिन्न समितियों व एजेण्डा पर काम किा जाएगा।