सीएम योगी का प्रोटोकाल अधिकारी बनकर की ठगी, ट्रांसफ़र-पोस्टिंग के नाम पर अफसरों को बनाया निशाना

 

एसटीएफ ने मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अधिकारी व सचिव निवेश बनकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे दो जालसाजों अलीगंज के रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष कुमार और दिल्ली के अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गणेश उर्फ गुरु को गिरफ्तार किया है।



इन लोगों ने कई नेताओं व कार्यकर्ताओं को जिलाध्यक्ष और विभिन्न विभागों के चेयरमैन (राज्यमंत्री का दर्जा) बनाने के नाम पर भी वसूली कर ली थी। साथ ही प्रशासन और पुलिस के कई अधिकारियों से ट्रांसफर व पोस्टिंग कराने के नाम पर भी ठगी की। इसके अलावा ज़ेवर एयरपोर्ट पर 450 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने के साथ ही कई और डील कर डाली थी। रामशंकर किसी सरकारी विभाग में कार्यरत नहीं है। रामशंकर ने खुद को दिल्ली स्थित सुकरात विश्वविद्यालय का कुलपति बताकर भी नियुक्ति के नाम पर ठगी की।


आरोपी अरविंद की दिल्ली में योग गुरु नाम से पहचान


एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि रामशंकर लखनऊ में अलीगंज की विष्णुपुरी कॉलोनी में रहता है। मूल रूप से पीलीभीत के बीसलपुर का है। दूसरा आरोपी अरविंद त्रिपाठी दिल्ली के केशवपुर का है। वह वहां योग गुरु नाम से जाना जाता है।



जालसाज ने आध्यात्मिक शिविर लगा अधिकारियों,नेताओं से संपर्क बनाया

जेवर एयरपोर्ट के ठेका को 450 करोड़ की डील


लखनऊ। देर रात एसटीएफ से आरोपियों ने कबूला कि एमएसएमई मंत्रालय में सहायक निदेशक हरीश यादव के जरिये शाहजहांपुर के मो. अयूब को जेवर एयरपोर्ट की नौ किमी दीवार, एयरपोर्ट इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम निर्माण का 450 करोड़ के ठेके की डील एक प्रतिशत कमीशन पर की।


लखनऊ। अरविन्द त्रिपाठी करोड़ों की ठगी का मुख्य मास्टरमाइन्ड है। वह दिल्ली में अध्यात्मिक शिविर लगाता था। इसमें योग सिखाने के अलावा तनाव दूर करने का कोर्स कराता था। शिविर में भीड़ के चलते अफसरों और नेताओं से सम्पर्क बन गए।


एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि अरविन्द प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनाती बताकर फर्जीवाड़ा करता था। उसने सुकरात विवि के अधिकारियों से कई को फर्जी पीएचडी डिग्री भी दिलायी है। दोनों ने कबूला कि हिन्दुस्तान स्काउट, गाइड एसोसिएशन की ट्रेनिंग, नौकरी के नाम पर 100 छात्रों से रुपये वसूले। ट्रेनिंग के बाद नौकरी का वादा था। एसटीएफ के अफसर ने बताया कि भाजपा के कई कार्यकर्ता भी इनके सम्पर्क में थे। इनमें किसी ने जिलाध्यक्ष या अन्य पद के लिये जालसाजों को रुपये दिए या नहीं, इस पर अफसर गोलमोल जवाब दे रहे हैं। एएसपी विशाल विक्रम ने कहा कि राज्यमंत्री का दर्जा वाले पद पर तैनाती के लिये दोनों ने कई से रुपये वसूले हैं। पीआरडी की वर्दी भी मिली है। बेरोजगारों को पीआरडी की वर्दी, फर्जी नियुक्ति पत्र देकर साथ रखे और जिस कार से चलते थे, उस पर उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो भी लगा लेते।