शिक्षा विभाग में नियम दरकिनार, सत्रह तबादले को साहब तैयार


प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों के तबादले के कायदे-कानून दरकिनार कर एक बार फिर चहेते शिक्षकों के मनमाने ऑफलाइन ट्रांसफर की तैयारी शुरू हो गई है। तबादले की प्रक्रिया नियमत स्कूल स्तर से शुरू होती है लेकिन इसके उलट शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों से 17 शिक्षकों के एकल स्थानान्तरण का प्रस्ताव और संस्तुति भेजने के निर्देश दिए हैं।


शासन में बैठे अधिकारियों ने छह सितंबर को 11, 21 सितंबर को एक और चार अक्तूबर को चार ‘वीआईपी’ अध्यापकों के ट्रांसफर की फाइल मंगवाने के लिए खुद ही शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया है। जिसके अनुपालन में शिक्षा निदेशालय में उप शिक्षा निदेशक रामचेत ने 25 अक्तूबर को इन 16 शिक्षकों समेत कुल 17 ट्रांसफर की फाइल व प्रस्ताव मंगाने के लिए संबंधित जेडी और डीआईओएस को निर्देश जारी किया है। वैसे तो प्रधानाचार्यों-शिक्षकों के तबादले के लिए ऑनलाइन व्यवस्था है लेकिन विशेष परिस्थितियों में ऑफलाइन स्थानान्तरण का अधिकार शासन में निहित है। उसके लिए शिक्षक को लंबी-चौड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पहले तो उन्हें दोनों संस्थाओं के प्रबंधकों से एनओसी लेनी पड़ती है। उसके बाद दोनों जिलों के डीआईओएस, दोनों मंडल के जेडी अपनी संस्तुति के साथ अग्रसारित करते हैं। अंत में अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक तबादले की मंजूरी देते हैं। उसके लिए भी समय निर्धारित है और मध्य सत्र में तबादले नहीं होते। लेकिन एक तो मध्य सत्र में तबादले हो रहे हैं उस पर शिक्षकों से आवेदन लेने के बजाय सीधे अफसरों से संस्तुति मांगी जा रही है।



एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के ट्रांसफर में अंधेरगर्दी चल रही है। कानून की उल्टी गंगा बह रही है। बड़ी सिफारिश के बिना ट्रांसफर संभव नहीं है। यह सरकार पिछले सात वर्ष में एक न्याय संगत और पारदर्शी ट्रांसफर की व्यवस्था बनाने में विफल रही है।

लालमणि द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री, माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट)