लखनऊ,। यूपी एटीएस को मदरसों के जरिए देश विरोधी गतिविधियों के लिए विदेशी फंडिंग के मास्टर माइंड की तलाश है। इसके लिए विदेशी फंडिंग लाने वाले स्वयंसेवी संगठनों और उनके जरिए चंदा प्राप्त करने वाले मदरसों को चिह्नित किया जा रहा है।
बांग्लादेशी नागरिक आदिल को पश्चिम बंगाल ले जाकर ऐसे ठिकानों का पता भी लगाया गया है। अवैध घुसपैठ कर भारत पहुंचे बांग्लादेशी निवासी आदिल उर रहमान को गिरफ्तार करने के बाद एटीएस को कई सूचनाएं मिलीं।
यूपी एटीएस को मदरसों के जरिए देश विरोधी गतिविधियों के लिए विदेशी फंडिंग के मास्टर माइंड की तलाश है। इसके लिए विदेशी फंडिंग लाने वाले स्वयंसेवी संगठनों और उनके जरिए चंदा प्राप्त करने वाले मदरसों को चिह्नित किया जा रहा है। बांग्लादेशी नागरिक आदिल को पश्चिम बंगाल ले जाकर कुछ ठिकानों का पता लगाया गया है।
अवैध घुसपैठ कर भारत पहुंचे मीरपुर (बांग्लादेश) निवासी आदिल उर रहमान को गिरफ्तार करने के बाद एटीएस को कई अहम सूचनाएं मिलीं। इसके बाद आदिल के दो मददगारों नजीबुल शेख और अबू हुरायरा गाजी को गिरफ्तार किए जाने पर गिरोह के देवबंद (सहारनपुर) और पश्चिम बंगाल कनेक्शन के साथ-साथ विदेशी फंडिंग का भी खुलासा हुआ है। यह गिरोह विदेशी फंडिंग से बांग्लादेशियों को भारत में लाकर बसाने और उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में मदद करता है। पिछले तीन वर्षों में 20 करोड़ रुपये की फंडिंग की जानकारी मिलने के बाद जांच आगे बढ़ी तो इसमें मदरसों को माध्यम बनाने का भी खुलासा हुआ। मदरसों को मिलने वाली विदेशी फंडिंग का अवैध घुसपैठ और धर्मांतरण में उपयोग किए जाने की जांच के लिए गठित एसआईटी ने सबसे पहले नेपाल सीमा पर पिछले दो दशक में बने नए मदरसों की जांच करने का फैसला किया है।