सिद्धौर के खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार व ब्लॉक में ही तैनात दो शिक्षकों पर एक महिला शिक्षक ने बंद स्कूल का फोटो दिखाकर 17,000 रुपये वसूलने के आरोप लगाए हैं। उत्पीड़न से महिला ने खुद के गर्भपात हो जाने का भी आरोप लगाया है। गर्भपात के बाद शिक्षिका अवकाश पर चली गई है। मामला पिछले दिनों भाजपा विधायक दिनेश रावत के सामने पहुंचा तो उन्होंने बीएसए संतोष देव पांडेय को जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की सिफारिश की। इस पर बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी हरख अर्चना व बनीकोडर के चंद्रशेखर यादव को जांच अधिकारी नामित करते हुए रिपोर्ट तलब की है।
प्राइमरी स्कूल पैगम्बरपुर की सहायक अध्यापिका प्रियंका वर्मा ने विधायक को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि ब्लॉक में इस समय वसूली का दौर चल रहा है। बीईओ इस समय खुद पर्यवेक्षण के बजाए अचकामऊ के सहायक अध्यापक देवेंद्र द्विवेदी व शाहाबाद राहुल सिंह से करवा रहे हैं। इन लोगों ने ही मिलकर उनके स्कूल में ताला बंद होने की कोई फोटो 11 अगस्त को बीईओ को भेज दी।
बीईओ ने इस पर इसी दिन स्कूल की हेडमास्टर को तलब कर लिया। फिर प्रति शिक्षक चार हजार व प्रति शिक्षामित्र 500 रुपये मांगे गए। अगले दिन शिक्षक पैसे लेने पहुंच गए। 28 अगस्त को प्रति शिक्षक प्रोटेक्शन मनी के तौर पर एक- एक हजार रुपये मांगे गए। देने से मना करने पर मानसिक प्रताड़ना शुरू कर दी गई। वसूली के इस दबाव से उसका मानसिक उत्पीड़न इतना बढ़ा कि उसके पेट में पल रहे बच्चे का 19 सितंबर को गर्भपात हो गया।
मामला संज्ञान में है । आरोपों की जांच के लिए कमिटी गठित कर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। संतोष देव - पांडेय, बीएसए, बाराबंकी
शिक्षिका झूठ बोल रही हैं। मामले में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। जांच रिपोर्ट से खुद ही तस्वीर साफ हो जाएगी।- प्रमोद कुमार, बीईओ सिद्धौर, बाराबंकी
होगी जांच
■ प्राइमरी स्कूल पैगम्बरपुर की सहायक अध्यापिका ने सिद्धौर बीईओ पर लगाए आरोप
■ विधायक के कड़े रुख पर बीएसए ने बीईओ के खिलाफ जांच कमिटी बनाकर मांगी रिपोर्ट