Lucknow,प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। बारिश के चलते ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, जलभराव, रास्ता समेत कई समस्याएं हैं। आरटीई के तहत निजी स्कूल बच्चों को दाखिला नहीं दे रहे हैं। मंगलवार को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ के फोन-इन में अभिभावकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को ये समस्याएं गिनाईं।
बीएसए अरुण कुमार ने फोन पर अभिभावकों और शिक्षकों की समस्याएं सुनीं और उनके निस्तारण का भरोसा दिया। बताया कि नगर क्षेत्र के जिन प्राथमिक स्कूलों में कोई स्थायी शिक्षक नहीं है, वहां पर दूसरे स्कूलों के एक-एक शिक्षक लगाए गए हैं। तबादले पर आए शिक्षकों को इन स्कूलों में लगाया गया है। नगर क्षेत्र में शिक्षकों के समायोजन का मामला लंबित होने से ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को नगर में तैनात करने में अड़चने आ रही हैं। इसे जल्द दूर कर लिया जाएगा। बीएसए ने बताया कि स्कूलों में पेयजल, शौचालय, खराब रास्ते, जलभराव, जर्जर भवन की समस्याएं दूर होंगी। प्रधान व पार्षद की मदद से इन्हें दुरुस्त किया जाएगा। जर्जर स्कूलों की मरम्मत भी कराई जाएगी। जरूरत पर अतिरिक्त कक्ष भी बनवाया जाएगा।
सवाल उच्च प्राथमिक स्कूल खुर्रमपुर, सरोजनीनगर में 73 बच्चों पर दो शिक्षक हैं। एक शिक्षिका छुट्टी पर चली गईं। एक शिक्षिका कैसे पढ़ाएं?
अंजू श्रीवास्तव, प्रभारी प्रधानाध्यापक
जवाब बीएसए कार्यालय को प्रार्थना पत्र भेजकर सूचित करें। अतिरिक्त शिक्षक की तैनाती की जाएगी।
सवाल रानीगंज प्राथमिक स्कूल में स्थायी शिक्षक नहीं हैं। दूसरे स्कूल के एक शिक्षक कैसे पढ़ाएं?
अंकित तिवारी, नाका
जवाब बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षक तैनात हैं। फिर भी दिखवाकर शिक्षक बढ़ाएंगे।
सवाल शिक्षकों के एरियर, पदोन्नति और वेतनमान नहीं लगे हैं।
सुधांशु मोहन, शिक्षक नेता
जवाब सभी ब्लॉकों के बीईओ से शिक्षकों के लंबित मामले मांगे गए हैं। बारी-बारी से निस्तारण होगा।
सवाल मोहनलालगंज के धनुवासाढ़ के अंग्रेजी मीडियम स्कूल में सभी बच्चों को किताबें नहीं मिली हैं।
दिनेश सिंह, शिक्षक
जवाब जिन कक्षाओं की किताबें नहीं मिली हैं, उनकी सूचना दें। किताबें मुहैया कराई जाएंगी।
सवाल लालकुआं स्थित भेड़ी मण्डी प्राथमिक स्कूल का भवन जर्जर है। एक कमरे में बच्चों को कैसे पढ़ाएं?
आलोक रस्तोगी, लालकुआं
जवाब स्कूल के प्रधानाध्यापक से जर्जर भवन की मरम्मत का प्रस्ताव मांगा गया है। जरूरत के हिसाब से निर्माण कराया जाएगा।
आरटीई के तहत दूसरे स्कूलों में दिलाएंगे दाखिला
बीएसए ने बताया कि आरटीई के तहत जिन बच्चों के दाखिले अभी तक नहीं हो पाए हैं, उन्हें उनके वार्ड के दूसरे स्कूल में दिलाए जा रहे हैं। अब तक 14 हजार के सापेक्ष 10 हजार से अधिक बच्चों के दाखिले हो चुके हैं। आवेदन में कई स्कूल दूसरे वार्ड के होने से दाखिले में अड़चन आई है। अभिभावकों से बात कर उस वार्ड के दूसरे स्कूलों के विकल्प लेकर दाखिले कराए जा रहे हैं।