इस सरकारी स्कूल में एडमिशन पर लगानी पड़ी रोक, प्राइवेट से भी ज्यादा मारामारी, ये है कारण

लखनऊ, गोसाईंगंज का उच्च प्राथमिक विद्यालय, महमूदपुर निजी स्कूलों को टक्कर दे रहा है। इस स्कूल के करीब 100 बच्चे राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में सफल होकर जिले के साथ प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस वजह से यहां छठवीं में बच्चों के दाखिले के लिए बड़ी होड़ होती है। यहां नए बच्चों के दाखिले मई में ही पूरे हो गए थे। 50 से ज्यादा बच्चे बिना दाखिले के वापस चले गए। जबकि इसके आसपास स्कूलों को बच्चे खोजे नहीं मिल रहे हैं। इनके शिक्षक छात्र संख्या बढ़ाने के लिए गांवों में जाकर बच्चे तलाश रहे हैं।  



उच्च प्राथमिक विद्यालय महमूदपुर की प्रभारी प्रधानाध्यापक नीता यादव बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती रहती हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रीय आय, योग्यता आधारित परीक्षा, खेलकूद व सांस्कृतिक आयोजनों में 100 से ज्यादा बच्चे अवार्ड व मेडल जीत चुके हैं। राष्ट्रीय आय परीक्षा में बेसिक शिक्षा विभाग से पहली बार वर्ष 2017 में इस स्कूल के बच्चे का चयन हुआ था। अब तक यहां के 50 बच्चे चयनित हो चुके हैं।


इलाके के ग्रामीण इस स्कूल को छात्रवृत्ति वाले स्कूल के नाम से पुकारते हैं। इस सत्र में नौ बच्चों का चयन हुआ है। इस परीक्षा के चयनित बच्चों को केन्द्र सरकार कक्षा नौ से 12 तक हर माह एक हजार रुपये वजीफा देती है। अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित श्रेष्ठ परीक्षा चयनित हो चुके हैं। मौजूदा सत्र में 10 बच्चे चयनित हुए हैं। इन बच्चों की सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक पूरी पढ़ाई नि:शुल्क है।  





पढ़ाई के साथ होती हैं अन्य गतिविधियां   

प्रभारी प्रधानाध्यापक नीता यादव ने बताया कि यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ ही खेलकूद, सांस्कृतिक एवं व्यक्तित्व विकास की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। बच्चों व्यक्तिगत विकास के लिए स्कूल में सार्वजनिक संबोधन प्रणाली स्थापित की है, ताकि बच्चों में संकोच व डर दूर किया जा सके। बच्चे निडर होकर कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के साथ ही संचालन में भूमिका निभाते हैं। नीता ने बताया कि वह वर्ष 2008 में जब स्कूल में तैनात हुईं उस समय में स्कूल में छात्र संख्या 197 थी। अब छात्र संख्या बढ़कर 434 हो गई है। स्कूल में आठ शिक्षक और एक अनुदेशक तैनात है।   



20 गांवों के बच्चे यहां पढ़ रहे  

इस प्राथमिक विद्यालय में 20 गांवों के बच्चे पढ़ते हैं। 10 किमी. दूर तक के बच्चे यहां पढ़ने की लिये आते हैं। पढ़ाई अच्छी होने की वजह से यहां दो ग्राम प्रधान समेत आसपास के गांव के ग्रामीण यहां बच्चों को भेजते हैं। यहां कक्षा छह, सात व आठ में 434 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक नीता यादव को इसी महीने की पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री की ओर से राज्य शिक्षक पुरस्कार दिया गया है।  


नए कमरे बनवाने की मांग  

नीता यादव ने बताया कि बच्चों के बैठने की जगह नहीं है। हर कक्षा में दो-दो कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। नए दाखिले पर रोक लगा दी है। स्कूल की ओर से नए कमरे बनवाने के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिया गया है।