इंदरगढ़ बच्चों को निश्शुल्क वितरण की जाने वाली किताबों को रद्दी में बेचने के मामले में बीएसए कौस्तुभ कुमार सिंह ने प्राथमिक विद्यालय कचाटीपुर के प्रधानाध्यापक राजेशकांत द्विवेदी को निलंबित कर दिया और शिक्षामित्र रनपाल सिंह को बखांस्त कर दिया। एफआइआर के आदेश दिए हैं। उधर विद्यालय में तैनात अन्य शिक्षकों की संदिग्ध भूमिका मानते हुए जांच शुरू की गई है। डीएम के निर्देश पर कबाड़ की दुकान पर पुलिस का पहरा रहा। सुबह एबीएसए ने किताबों को कब्जे में लिया।
उमद ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल कचाटीपुर के प्रधानाध्यापक राजेशकांत द्विवेदी और शिक्षामित्र रनपाल सिंह ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 व 2022-23 की छह क्विंटल पचास किलो किताबें कबाड़ी की दुकान पर रद्दी में शुक्रवार को बिक्री कर दी थी। दैनिक जागरण में 'शिक्षकों ने कबाड़ी को बेच दीं प्राथमिक विद्यालय की किताबें शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसको लेकर शिक्षा विभाग हरकत में आया। शिक्षकों ने रात में ही कबाड़ी की दुकान से किताबें हटाने के प्रयास किए थे। प्रशासन ने कबाड़ी की बंद दुकान के बाहर डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल के निर्देश पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया था। शनिवार सुबह बीएसए के निर्देश पर बीईओ विश्वनाथ पाठक ने कबाड़ी की दुकान पर छापा मारा। दुकानदार विजय कुमार से बयान लिए गोदाम में 13 बोरियां किताबें
बरामद हुई। 'गुरुजी ने हमे पूरो भरोसा दओ थो
कबाड़ दुकानदार विजय कुमार ने बीईओ को बयान देते हुए कहा कि 'हमने पहले मना करी थी। गुरुजी ने हमे पूरो भरोसा दओ थी। कही थी, हम स्कूल के प्रधानाध्यापक है। तुम किताबें खरीदी। जो हुईए हम देख लिये हमाउ कौन का करिए। गुरुजी अपने 78 सौ पूरे रुपया दुकान पर आइ के ले गए थे। दुकान पर गुरुजी स्कूटी से आए थे और इनके साथ में दूसरे गुरु जी भी थे.
पीएम श्री से स्कूल का नाम रद्द
प्राथमिक स्कूल कचाटीपुर का पीएम श्री योजना के तहत चयन के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने छात्रों को वितरण की जाने वाली किताबों को रद्दी में बिक्री किया। इसको लेकर बीईओ ने स्कूल का प्रस्ताव पीएम श्री योजना से रद्द कर दिया है।
प्रधानाध्यापक और शिक्षामित्र के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। प्राथमिक जांच में विद्यालय में तैनात अन्य शिक्षकों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। इससे सभी की जांच कराई जा रही है।
- कौस्तुभ कुमार सिंह, बीएसए