शिक्षक से सवाल पूछने में एक तिहाई स्कूली बच्चों को झिझक

 लखनऊ। स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य कैसा है। बच्चे पढ़ाई, परीक्षा, घर और स्कूल के माहौल को लेकर कितना संतुष्ट हैं। बच्चे समय के साथ आगे बढ़ रहे हैं या नहीं इन सब बातों का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पर पड़ा है।



इन तमाम चीजों को देखते देश के भर के स्कूली बच्चों पर नेशनल काउंसिल एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की मनोदर्पण सेल ने मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण 2022 सर्वे पूरा किया। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ चीजें चिंता का विषय हैं। तीन लाख 79 हजार 842 छात्रों पर किए गए सर्वे में 81 फीसदी छात्र ऐसे हैं जो पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम को लेकर चिंतित रहते हैं। इसके साथ ही 28 प्रतिशत छात्र ऐसे हैं जो सवाल नहीं पूछ पाते हैं। ऐसे बच्चों को सवाल पूछने में झिझक होती है। वहीं 51 फीसदी छात्र ऐसे हैं जो ऑनलाइन कंटेंट नहीं सीखने में मुश्किल का अनुभव करते हैं। सर्वे में सभी राज्यों और आठ केन्द्रित शासित प्रदेशों के स्कूलों को शामिल किया गया है जिनमें केन्द्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय, राज्य सरकार के स्कूल, प्राइवेट, आवासीय स्कूल, सैनिक स्कूल, नेशनल इंस्टीट्यूट और कस्तूरबा गांधी विद्यालय शामिल हैं।