प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) मुख्य परीक्षा 2023 के दूसरे दिन बुधवार को सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्नपत्र में भूगोल विषय के तीन प्रश्न गलत पूछे गए। विशेषज्ञों ने तर्कों के साथ तीनों प्रश्न पर आपत्ति की है।
प्रथम प्रश्नपत्र के प्रश्न संख्या दस में नौ नम्बर चैनल के सामारिक महत्व पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखने को कहा था। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘नौ डिग्री चैनल’ होता है, नौ नंबर चैनल गलत है। नौ डिग्री चैनल- नौ डिग्री की उत्तरी अक्षांश रेखा को कहते हैं। यह लक्षद्वीप को मिनिकॉय आईलैंड से अलग करता है।
प्रश्नसंख्या 18 में पूछा था ‘भारत में एल नीनो और दक्षिण-पश्चिम मानसून के बीच संबंधों की व्याख्या कीजिए और उसके कृषि पर प्रभाव बताइए’। हिन्दी में दक्षिण-पश्चिम मानसून लिखा है जबकि अंग्रेजी में दक्षिण-पूर्वी मानसून लिखा है, जो एकदम विपरीत है। इसी प्रकार प्रश्न संख्या 20 में पूछा था- ‘भारत की खनिज विकास नीति की व्याख्या कीजिए।’ विशेषज्ञों और प्रतियोगी छात्रों का दावा है कि यह नाम ही गलत है। सही नाम ‘राष्ट्रीय खनिज नीति’ होता है। खनिज विकास नीति कहीं पर नहीं है।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि आयोग की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में इस प्रकार की मामूली गलतियों से स्पष्ट है कि विशेषज्ञ कितनी लापरवाही से काम कर रहे हैं। लोक सेवा आयोग के मीडिया प्रभारी विनोद कुमार गौड़ का कहना है कि छात्रों की ओर से आपत्ति मिलने पर विशेषज्ञों से परीक्षण कराने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
सालभर में 180 विशेषज्ञ पैनल से बाहर
प्रयागराज। भर्ती परीक्षाओं में गलत सवाल पूछने के अलावा अन्य गड़बड़ी पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सख्ती के बावजूद प्रश्नपत्र की गुणवत्ता पर सवाल चिंताजनक है। आयोग एक साल में 180 विषय विशेषज्ञों को अपने पैनल से बाहर कर चुका है। कुछ समय पहले 100 विशेषज्ञों और उससे पहले अगस्त 2022 में 80 विशेषज्ञों को आयोग के पैनल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।