लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक आदेश में कहा कि कोई अवकाश घोषित करना राज्य के नीतिगत क्षेत्र में आता है । अदालतें अवकाश संबंधी विवादों की सुनवाई को ग्रहण नहीं कर सकतीं जब तक कि कानून से निर्देशित न हो। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत महिलाओं के लिए करवाचौथ का अवकाश घोषित करने के आग्रह वाली जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि आमतौर पर त्योहारों को सभी मनाते हैं।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश स्थानीय अधिवक्ता अशीष कुमार मिश्र की याचिका पर दिया। याची के अधिवक्ता सतीश कुमार मिश्र का कहना था कि 14 अगस्त को जारी आदेश में राज्य सरकार ने सिर्फ माध्यमिक स्तर तक के स्कूलों में कार्यरत महिला शिक्षकों के लिए करवाचौथ का अवकाश घोषित किया है। जबकि अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत महिलाओं के लिए यह अवकाश घोषित नहीं किया गया। अधिवक्ता ने सांविधानिक प्रावधानों का हवाला देकर राज्य सरकार के इस निर्णय को विभेद करने वाला बताते हुए सभी विभागों में कार्यरत महिलाओं के लिए करवाचौथ का अवकाश घोषित करने का आग्रह किया था।
करवाचौथ का अवकाश घोषित करने की आग्रह वाली पीआईएल खारिज
सिर्फ माध्यमिक स्कूलों में करवाचौथ का अवकाश घोषित करने को दी थी चुनौती