वसूली 'गैंग - विशेष' में खंड शिक्षाधिकारी को नोटिस,BEO से साक्ष्यों सहित मांगी प्रकरण में आख्या


आगरा, । बेसिक शिक्षा विभाग में शासन के हस्तक्षेप के बाद अब विभागीय अधिकारी अलर्ट हो गए हैं। भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसनी शुरू हो गई है। नगर क्षेत्र में 21 बिंदुओं के प्रारूप के आड़ में हो रही अवैध वसूली पर अब जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने नगर क्षेत्र के खंड शिक्षाधिकारी (एबीएसए) वीरेंद्र शर्मा को नोटिस दिया है। चुनिंदा स्कूलों को दिए प्रारूप की साक्ष्यों सहित आख्या मांगी है। स्पष्ट निर्देश हैं कि पत्र प्राप्ति के दिन ही आख्या भेजनी है। ताकि, उच्चाधिकारियों को वास्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके।



शहर में दशकों से संचालित स्कूलों पर अवैध वसूली का नगर क्षेत्र के 'गैंग- विशेष' ने नायाब तरीका खोजा था। चुनिंदा स्कूल संचालकों को 21 बिंदुओं का प्रारूप थमाया गया था। इसमें सीबीएसई, आईसीएसई सहित अन्य बोर्ड से संबंध स्कूलों को नर्सरी से 8 तक सूचना मांगी गई थी।

निजी स्तर पर तैयार: प्रारूप में इतनी अधिक जानकारियां और एनओसी मांगी गई हैं कि स्कूल संचालकों को एक साथ कई विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़े। इसका ही लाभ शिक्षा विभाग में सक्रिय 'गैंग-विशेष' उठा रहा था। रोचक पहलू ये था कि इसे निजी स्तर पर तैयार किया था। शासन स्तर से ऐसा कोई शासनादेश नहीं था। इसकी स्कूल संचालकों ने मुखालफत की तो उन्हें संचालक समाप्ति की धमकियां दी गई। स्थिति ये हो गई कि हर बिंदु के निराकरण के लिए संचालकों पर सुविधाशुल्क का दबाव बनाया जा रहा था। जबकि, इन स्कूलों की जानकारियां यू-डायस पर मौजूद हैं। स्कूल संचालकों के लगातार हो रहे शोषण को आपके अखबार हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से उठाया। उनकी आवाज को बुलंद किया। इस पर बेसिक शिक्षाधिकारी ने खंड शिक्षाधिकारी से जवाब-तलब किए हैं।


कार्रवाई पर उठ रहे

सवाल, गड़बड़झाला

खबर का संज्ञान लेकर जिला बेसिक अधिकारी ने खंड शिक्षाधिकारी वीरेंद्र शर्मा को नोटिस दिया है। इसमें साफ लिखा है कि 21 बिंदुओं से प्रपत्र तैयार करते हुए नगर क्षेत्र में संचालित सीबीएसई, आईसीएसई सहित अन्य बोर्ड से संचालित स्कूलों से सूचना मांगी गई थी। इससे शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं। तत्काल स्पष्ट आख्या कार्यालय भेजें।

स्कूलों का डाटा 66 विभाग में सुरक्षित रहे पांच माह पहले यू-डायस के लिए प्रपत्र से जानकारी मांगी गई थीं। आख्या बना जिला बेसिक अधिकारी को भेज दी गई है। यदि स्कूल संचालक से अनैतिक सुविधाशुल्क का दबाव बनाया गया है तो कार्रवाई होगी। वीरेंद्र शर्मा, खंड शिक्षाधिकारी