लखनऊ। प्रदेश के वित्त विभाग ने सभी विभागों से वर्ष 2024-25 के लिए बजट अनुमान मांगे हैं। विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि 30 नवंबर तक अनिवार्य रूप से बजट अनुमान भेज दिया जाए।
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी विभागों के प्रमुखों से कहा है कि अनुमानों को वास्तविकता के आधार पर तय कर बजट बनाएं। फिजूलखर्ची को रोकने के लिए नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि ऐसी योजनाओं पर फोकस करें जिसमें केंद्र या वाह्य सहायतित योजनाओं से धन की प्राप्ति ज्यादा होती हो।
उतनी राशि की मांग करें, जो कम से कम व नितांत जरूरी हो। स्वीकृत राशि से अधिक खर्च को वित्तीय अनियमितता करार देते हुए इससे बचने को कहा है। अनुमानों में एकमुश्त धन की व्यवस्था न करने के लिए कहा गया है। नए कार्यों की तुलना में अपूर्ण कार्यों के बजट को महत्व देने और पूंजीगत कार्यों के अनुदान में 30 फीसदी राशि की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। ऊर्जा, लोक निर्माण, सिंचाई, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया है। अनुपयोगी योजनाओं को खत्म करने के निर्देश भी दिए गए हैं।