नई दिल्ली। केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों (सीपीएसई) में अहम पदों पर 25 फीसदी तक सीधी नियुक्तियों (लैटरल इंट्री) को मंजूरी देने की तैयारी है। प्रस्ताव के मुताबिक ई- 5 से ई- 8 स्तर तक इसे लागू किया जा सकता है। अब तक केंद्र के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव तक पदों पर ऐसी व्यवस्था है।
इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार किया गया है और विभिन्न मंत्रालयों से रायशुमारी की गई है। एक अन्य अहम प्रस्ताव में पीएसयू की श्रेणियों को मौजूदा तीन से बढ़ाकर पांच किया जाएगा। नए प्रस्ताव के तहत महारत्न, नवरत्न, मिनिरत्न, लाभ कमाने वाली पीएसयू और आखिरी श्रेणी अन्य होगी जिसमे इन चार श्रेणियों में नहीं आने वाले पीएसयू शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों ने कहा कि सीपीएसयू अर्थव्यवस्था के सभी कोर सेक्टर में काम कर रहे हैं। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार का मानना है कि पेट्रोलियम, कच्चा तेल, ऊर्जा, स्टील, खनन, दूरसंचार, रक्षा उत्पादन, परिवहन और लॉजिस्टिक सेवा आदि से जुड़े सेक्टर में काम कर रहे पीएसयू की मौजूदा व्यवस्था वर्तमान दौर की जरूरतों के अनुरूप नहीं है। पीएसयू के लिए बनी व्यापक गाइडलाइन में भी काफी समय से बदलाव नहीं किया गया है।
● पंकज पाण्डेय/ सौरभ शुक्ला
सीपीएसई की पांच श्रेणियां होंगी
केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों (सीपीएसई) की पांच श्रेणी होंगी। सभी रत्न सीपीएसई के लिए पूंजीगत व्यय पर कोई मौद्रिक सीलिंग या खर्च की सीमा नहीं होगी। इनके लिए ज्वाइंट वेंचर, सहायक कंपनी विदेशो में मौजूद संपत्ति के अधिग्रहण में निवेश की सीमा कुल मूल्य (नेट वर्थ) के 30 से बढ़ाकर 60 तक की जाएगी। सभी रत्न कंपनियों को बोर्ड की संस्तुति लेकर भारत के अंदर या विदेशों में कर्ज लेने, विलय करने और अधिग्रहण से से जुड़ी पूरी शक्ति दी जाएगी। नए पद के सृजन के लिए ई 7 से बोर्ड स्तर तक, सार्वजनिक उद्यम विभाग की संस्तुति लेनी होगी।