प्रदेश भर में छात्रों के साथ पैरा मेडिकल शिक्षा के नाम पर फर्जी बोर्ड और कालेज संचालित कर जालसाजी का एक बड़ा गिरोह सामने आया है। गोरखपुर पुलिस ने मास्टर माइंड आगरा के पंकज पोरवाल को गिरफ्तार कर सोमवार को इसका खुलासा किया।
गिरोह ने आयुष पैरामेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया नाम से संस्था का रजिस्ट्रेशन कराकर अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से कालेज खोला। फिर प्रदेश भर के 12 जिलों में 14 कालेज खोल कर फर्जीवाड़ा करने लगे। दस साल से चल रहे इस फर्जी इंस्टीट्यूट से अब तक 800 अभ्यर्थियों को डिग्री बांटी जा चुकी है। वर्तमान में भी 200 अभ्यर्थी कोर्स कर रहे हैं।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि चौरीचौरा थाने में एक कालेज संचालक विजय प्रताप सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट नामक संस्था के संचालक ने उसके साथ जालसाजी की है। विवेचना के दौरान सामने आया कि यह संस्था पैरा मेडिकल से जुड़ा जो भी कोर्स करा रही है, उसकी मान्यता नहीं है। संस्था द्वारा जारी अंकपत्र व प्रमाण पत्र अवैध व कूटरचित है। संस्था ने पैरामेडिकल बोर्ड संचालित करने के लिए किसी भी सक्षम मेडिकल फैकल्टी के अधिकारी से न तो अनुमति ली है और न ही रजिस्ट्रेशन करया है। पुलिस ने संस्था के संचालक पंकज पोरवाल को गिरफ्तार कर लिया।
इन 12 जिलों संचालित 14 पैरामेडिकल कालेज
● जीवन छवि पैरा मेडिकल कालेज, मुण्डेरा प्रयागराज,
● शम्भूनाथ तिवारी कालेज ऑफ नर्सिंग, पुरा बाजार, अयोध्या,
● छत्रपति शिवाजी कालेज ऑफ साइन्स एण्ड पैरामेडिकल, देवरिया
● वंश पैरा मेडिकल कालेज, सिरसागंज, फिरोजाबाद,
● प्रतिभा पैरा मेडिकल एण्ड नर्सिंग कालेज, देवरिया मीर, देवरिया
● जननी पैरा मेडिकल एंड नर्सिंग साइन्स, हाटा, कुशीनगर,
● शौम्य साक्य पैरामेडिकल, देवरिया,
● मां विन्धवासिनी पैरामेडिकल कालेज, गोरखपुर,
● अन्नपूर्णानन्द पैरामेडिकल कालेज, चरजपुरा बैरिया मोड़, बलिया,
● रुद्रा पैरामेडिकल कालेज, रामनगर मोड़, वाराणसी,
● ऑल इण्डिया पैरामेडकल कालेज, उर्दौली घुणपुरा, सीतापुर
● सतीश चन्द्र इंस्टीट्यूट, शाहजहापुर
● सान हास्पिटल, नरियावल अड्डा, बरेली,
● वाशु पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, नरौना, बुलन्दशहर
ये कोर्स कराता, इनका नौकरी में कोई काम नहीं
एएनएम, जीडीए, मेडिकल ड्रेसर, सीएमएस एंड ईडी, डीएमएलटी, डीएमआरटी, एक्स-रे, ईसीजी, सीएमएलटी, सीसीसीई, डेंटल नर्सिंग, डेंटल हाईजेनिस्ट, डीओटीटी, डायलिस टेक्निकल, डिप्लोमा इन हेल्थ सेनिटरी ओपथलेमिक एसिस्टेंट
अपने बचाव को छात्रों से एग्रीमेंट बनवा कर रखता
यह गिरोह खुद के बचाव के लिए छात्रों से एग्रीमेंट बनवा कर अपने पास रखता था। जिस पर छात्रों का हस्ताक्षर कराया जाता था जिसमें लिखा था कि सेल्फ इंप्लाइमेंट के लिए वह ट्रेनिंग करता है। जबकि सेल्फ इंप्लाइमेंट का पैरा मेडिकल में कोई कोर्स नहीं चलता है