यह सरकारी स्कूल के बच्चे
क्यों होते हैं इतने अच्छे
पानी मांगू तो जग ले आते हैं
पैर छूने के लिए दौड़ लगाते हैं
एक कागज मांगू तो कॉपी फाड़ लाते हैं
टीचर के काम के लिए होड़ लगाते हैं
आगे पीछे घूम के शोर मचाते हैं
मासूम से यह बच्चे दिलजीत जाते हैं
घर से गरीब हैं पर मन के अमीर हैं
ऐसा लगता है केवल इनके पास ही जमीर है।
मारो या डांटो तो दिल से ना लगाते है
थोड़ा सा पुचकारो तो खूब ये शरमाते है।
दिल को एक सुकून है भगवान ने ये दिन दिखाया,
खुशकिस्मत हूं मुझे भगवान ने शिक्षक बनाया है.