लखनऊ। यूपी सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं होगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में कहा, कर्मचारियों अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना के मुकाबले नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) से ज्यादा लाभ है। उन्होंने प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली से इन्कार करते हुए कहा कि सरकार ने एनपीएस के तहत कार्मिकों को अपेक्षा से अधिक राहत दी है। वित्त मंत्री के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के विधायकों ने बहिर्गमन किया।
सपा के विधायकों अनिल प्रधान, पंकज मलिक, जय प्रकाश अंचल और रालोद के विधायक गुलाम मोहम्मद ने बुधवार को विधानसभा में तारांकित प्रश्न के जरिये पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि कर्मचारियों की पेंशन राशि कहां जमा है और उसकी सुरक्षा की क्या गारंटी है? उन्होंने पूछा कि क्या सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने पर विचार करेगी? इसके जवाब में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एक अप्रैल, 2005 में जब एनपीएस लागू की गई थी, तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। उसके बाद भी प्रदेश में बसपा और सपा की सरकार रही। उन्होंने कहा कि 2019 में योगी सरकार ने एनपीएस में सरकार का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया। कर्मचारी संगठनों ने एनपीएस के तहत उनकी जमा राशि पर 8 प्रतिशत व्याज की मांग की थी, जबकि वर्तमान में उन्हें 9.32 प्रतिशत व्याज मिल रहा है। कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, बीमा का लाभ दिया जा रहा है। चिकित्सा व्ययपूर्ति का आदेश जल्द जारी किया जाएगा।
शिक्षा व शिक्षामित्रों के मुद्दे पर विधानपरिषद से वॉकआउट
विधान परिषद में सपा सदस्यों ने शिक्षा और शिक्षामित्रों के मुद्दे पर वॉकआउट किया। मुख्य विपक्षी दल ने कहा, इस सरकार के कार्यकाल में लगातार शिक्षा का स्तर गिर रहा है और सरकार शिक्षा मित्रों के साथ न्याय नहीं कर रही।
■ सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा, स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। मदरसों में आधुनिक शिक्षकों का वेतन रुका हुआ है। मान सिंह यादव बोले, वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों के लिए नियमावली नहीं बनी है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने आरोपों को नकारते हुए विभाग की उपलब्धियां गिनाई।