सहायता प्राप्त संस्थाओं में नियुक्ति प्राधिकारी प्रबंधक होता है। इसलिए ऑनलाइन अवकाश स्वीकृत करने से लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई आदि प्रबंधक के स्तर से होती है। वर्तमान में कई प्रबंधकों पर छोटे-बड़े काम के लिए धन उगाही के आरोप लगते रहते हैं। इसीलिए पूरी व्यवस्था ऑनलाइन की जा रही है। मैपिंग में प्रबंधकों के रुचि न लेने का एक और कारण कई प्रबंधकों का सरकारी सेवा में होना भी बताया जा रहा है।
आधार नंबर फीड करते ही यह पकड़ में आ जाएगा और उन्हें नौकरी या मैनेजरी में से एक छोड़नी पड़ेगी। इसलिए भी मैनेजर मैपिंग नहीं करवा रहे। महानिदेशक ने सात अगस्त को सभी बीएसए को दस अगस्त तक मैपिंग पूरी कराने के आदेश दिए हैं। अब तक 3078 स्कूलों में 1096 प्रबंधकों की ही मैपिंग हो सकी है। वाराणसी, अमेठी, चंदौली, देवरिया, फर्रुखाबाद, झांसी, कन्नौज, मथुरा, मिर्जापुर, शामली, सीतापुर में मैपिंग शून्य है।
चेतावनी पर चेतावनी, ज्वाइनिंग नहीं करा रहे मैनेजर प्रयागराज। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तबादले के बावजूद प्रबंधक शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण नहीं करा रहे हैं। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने चार अगस्त को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को स्थानान्तरित शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए थे।
मैनेजर के शिक्षक को कार्यभार ग्रहण न कराने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इसके पांच दिन बाद नौ अगस्त को उप शिक्षा निदेशक रामचेत ने जीव विज्ञान विषय के प्रवक्ता अवधेश सिंह को श्याम सुंदर सरस्वती इंटर कॉलेज अयोध्या में कार्यभार ग्रहण कराने के लिए पत्र लिखा है। मक्खन लाल इंटर कॉलेज अमानपुर कासगंज से शिव इंटरमीडिएट कॉलेज कटहरा हंडिया में 30 जून को स्थानान्तरित दिव्यांग शिक्षक लाल चन्द उमरवैश्य आज तक कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके हैं।