लखनऊ : कक्षा संचालन व विद्यालय प्रबंधन का गुर सीखाने के लिए भावी शिक्षकों को लैब स्कूलों में भेजा जाएगा। हर जिले में पांच-पांच परिषदीय स्कूलों का प्रयोग लैब स्कूल के रूप में किया जाएगा।
इन स्कूलों में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक व प्रायोगिक ज्ञान हासिल करने का अवसर मिलेगा। वहीं कक्षा तीन तक के विद्यार्थियों को भाषा व गणित में वर्ष 2026 तक निपुण बनाने के लक्ष्य को भी पूरा करने में यह मददगार होंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक डा. पवन कुमार की और से जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्यों को पत्र लिखकर अपने संस्थान के आसपास के पांच-पांच परिषदीय स्कूलों को स्कूल लैब के रूप में प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूल डायट के आसपास के ही परिषदीय स्कूल होंगे ताकि प्रशिक्षुओं को वहां जाने
में कठिनाई न हो। अभी यह प्रशिक्षु हर सेमेस्टर में केवल एक महीने के लिए ही स्कूल जाते हैं और पढ़ाने की कला सीखते हैं ।
अब नियमित रूप से इन्हें अलग-अलग ग्रुप बनाकर स्कूलों में भेजा जाएगा। लैब स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के निर्देशन में यह कई कार्य करेंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ-साथ टीचिंग लर्निंग मैटेरियल (टीएलएम) का निर्माण करेंगे।
प्रत्येक कक्षा की समय-सारिणी और शिक्षण योजना तैयार करने में भी शिक्षकों की मदद करेंगे। विभिन्न शैक्षणिक व खेलकूद गतिविधियों का संचालन भी करेंगे। स्कूलों में पुस्तकालय का बेहतर उपयोग और विद्यार्थियों को किताबें पढ़ने के लिए उत्साहित करेंगे।