लखनऊ। शहर में फैला आईफ्लू अब स्कूली बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। आईफ्लू से ग्रसित बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की अपील के बाद स्कूल संचालक भी सतर्क हो गए हैं। आईफ्लू से पीड़ित बच्चों को स्कूल में अलग बैठाया जा रहा है और कैंप लगाकर आंखों की जांच भी कराई जा रही है ।
इन दिनों अस्पतालों में आईफ्लू के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। स्कूल-कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। ये एक तरह का वायरल है जो एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहा है। राजधानी में बृहस्पतिवार को कई सरकारी व निजी स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान छात्रों को आईफ्लू के बारे में जागरूक किया गया।
प्राथमिक विद्यालय नरही की प्रधानाचार्य डॉ. रचना पांडेय ने बताया कि आई जांच कैंप में अबतक 45 बच्चों की जांच कराई गई है, जिसमें 15 बच्चों में बीमारी की पुष्टि हुई है। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि आईफ्लू तेजी से फैल रहा है। बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।
आयुर्वेद-होम्योपैथ में भी इलाज
लखनऊ। शहर में आईफ्लू का प्रकोप तेज हो गया है। हर दिन करीब तीन-चार सौ नए मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं। ज्यादातर मरीज एलोपैथ की दवाओं पर आश्रित हैं, जबकि आयुर्वेद व होम्योपैथी में भी आईफ्लू से बचाव की दवाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आयुर्वेद की दवाओं से मर्ज पर जल्द काबू पाया जा सकता है। इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र ने बताया इन दिनों आई फ्लू की ओपीडी करीब 100 से अधिक मरीज आ रहे हैं। उन्हें आयुर्वेद आईड्रॉप लिखा जा रहा है।
■ होम्योपैथी में भी है आई फ्लू का इलाज : राजकीय होम्योपैथी चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके सोनकर के अनुसार ये संक्रमण की बीमारी है। होम्योपैथिक दवाओं से यह चार से पांच दिन में पूरी तरह ठीक हो जाती है। बेलाडोना, इफ्रेसिया, इफ्रेसिया ड्रॉप, बानिया, रस्टॉक्स जैसी दवाएं इसके लक्षणों के आधार पर नजदीकी होम्योपैथ विशेषज्ञ की सलाह पर ली जा सकती हैं। (माई सिटी रिपोर्टर)