प्रयागराज। जिले के संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की अस्थायी नियुक्ति के लिए चल रही कवायद के बाद भी अभी तक शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है। जबकि नए सत्र की शुरुआत के चार महीने बीत चुके हैं। ऐसे में छात्रों को अभी और इंतजार करना होगा।
सूबे में भाजपा सरकार आने के बाद से संस्कृत विषय को बढ़ावा देने के लिए लगातार कवायद जारी है। सरकार की ओर से प्रदेश के सभी राजकीय संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों के सापेक्ष स्थाई नियुक्ति नहीं होने तक अस्थायी नियुक्ति करके पठन पाठन कार्य कराने का निर्देश दिया गया था।
इसी क्रम में प्रयागराज के 11 विद्यालयों में भी शिक्षकों के 23 पदों पर अस्थाई नियुक्ति की जानी थी। इसके लिए संस्कृत शिक्षकों से आवेदन भी मांगे गए थे और साक्षात्कार भी कराया गया, लेकिन अभी तक उसका परिणाम जारी नहीं हो सका।
जिले के शेषमणि करतिया संस्कृत विद्यालय, महर्षि दुर्वाशा संस्कृत विद्यालय दुआवल, सूर्य नारायण स्मारक संस्कृत विद्यालय दुखियापुर, लोकमान्य तिलक संस्कृत विद्यालय लाक्ष्यागृह, सुबोधनी संस्कृत पाठशाला मांडा, रामसुमेर तिवारी संस्कृत विद्यालय नारीबारी, कमलाकर संस्कृत पाठशाला शंकरगढ़, कृष्ण प्रणामी संस्कृत विद्यालय मेजा, बजरंग संस्कृत विद्यालय देवली फूलपुर, महंत निकारानंद संस्कृत विद्यालय दारागंज, भागवत देशिक संस्कृत विद्यालय दारागंज में शिक्षकों के रिक्त पदों पर स्थाई नियुक्ति नहीं होने तक अस्थाई रूप से शिक्षकों की तैनाती की जाती है.