एक तरफ जहां लोगों को तमाम कोर्स करने के बाद भी शिक्षक की नौकरी नहीं मिल पा रही है. वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा में बताया गया कि शिक्षकों के लाखों पद खाली रह गए हैं.
भारत में हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा अभ्यार्थी बीएड की पढ़ाई पूरी करते हैं. बीएड करने के पीछे उनका एकमात्र मकसद शिक्षक बनना ही होता है. यही लक्ष्य बीटीसी-डीएलएड के अभ्यर्थियों का भी है. इन अभ्यार्थियों का कहना है कि तमाम कोर्स करने के बाद भी उन्हें शिक्षक की नौकरी नहीं मिल पा रही है.
बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से भी राज्यसभा में बताया गया कि साल 2020 से लेकर 2022 तक देश के सभी राज्यों में कक्षा एक से आठ तक शिक्षकों के लाखों पद खाली रह गए हैं. यानी उन पदों पर किसी की हायरिंग ही नहीं की गई.
शिक्षा, समाज को बेहतर बनाती है और आने वाले भविष्य को तैयार भी करती है. यही कारण है कि हमारे देश में शिक्षा हमेशा ही एक बड़ा मुद्दा रहा है.
शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर कई बार सवाल भी उठते रहे हैं. लेकिन हैरत की बात तो ये है कि इन सवालों और तमाम आरोपों के बाद भी पिछले कुछ सालों में देश की शिक्षा व्यवस्था में कुछ खास बदलाव नहीं देखा गया है.
बिहार से लेकर राजस्थान तक, देश के लगभग सभी राज्यों में कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में शिक्षकों की ढ़ंग से भर्ती भी नहीं हुई है.
ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया की साल 2020 से लेकर 2022 तक देश के किन राज्यों में कक्षा एक से आठ तक शिक्षकों के कितने पद खाली हैं?
किस राज्य में कितने पद खाली
बिहार: बिहार में साल 2022-23 में कक्षा 1 से लेकर 8 तक के पढ़ाने वाले शिक्षकों की वेकेंसी 5,92,541 है लेकिन इसमें सिर्फ 4,05,332 पद ही भरे गए हैं.
अभी भी 1,87,209 शिक्षकों का पद खाली हैं. वहीं 2021-22 की बात करें तो इस साल शिक्षकों के 2,27,442 पद खाली थे. वहीं बिहार के स्कूलों में साल 2020-21 में 2,23,488 शिक्षकों के पद में खाली रहे.
बता दें कि बिहार में छात्र और शिक्षक के बीच का अनुपात देश के अन्य राज्य की तुलना में सबसे खराब है. साल 2019-20 की एक सरकारी रिपोर्ट की माने तो यहां प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में छात्र और शिक्षक के बीच का अनुपात 50 और 60 से ज़्यादा है. जिसका मतलब है कि छात्रों के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं.
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के दावे कर रही है. लेकिन सच्चाई इन दावों से काफी अलग है.
राज्य में शिक्षा मंत्रालय से पूछे गए एक सवाल के जवाब में पता चला है कि प्रदेश में साल 2022-23 में कक्षा 1 से 8 तक 1,26,28 पद खाली है. बिहार के बाद शिक्षकों के पद खाली होने वाले लिस्ट में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का ही स्थान हैं.
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार यूपी में साल 2022-23 कुल 5,79,622 पद थे, जिनमें से 4,53,594 पदों पर भर्ती हो चुकी है. जबकि 1,26,028 पद आज भी खाली पड़े हुए हैं.
हालांकि खाली पदों की ये संख्या साल 2021 और 2020-21 के मुकाबले थोड़ी कम हुई है. साल 2021 में जहां 2,65,805 पद खाली थे तो वहीं 2020-21 में ये आंकड़ा 1,94,998 तक था.
झारखंड: झारखंड में शिक्षा व्यवस्था की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में आज भी ज्यादातर स्कूलों ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानदंडों का पालन नहीं किया गया है.
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार झारखंड में साल 2022-23 में कक्षा एक से लेकर आठ तक शिक्षकों के 74,357 खाली रहे हैं. जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में साल 2022-23 कुल में 1,86,865 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करनी थी, जिनमें से 1,12,508 पदों पर भर्ती हो चुकी है.
राज्य में 74,357 पद आज भी खाली पड़े हुए हैं. हालांकि खाली पदों की ये संख्या साल 2021 में 73,839 थी तो वहीं 2020-21 में ये आंकड़ा 75,527 तक था.
राजस्थान: राजस्थान ने केंद्र सरकार ने बताया है कि राजस्थान में इस वक्त शिक्षकों के 25,369 पद खाली हैं. ये पद कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के हैं. आंकड़ों के अनुसार कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के दो लाख 99 हजार 387 पद स्वीकृत हैं.
सरकार ने सदन को बताया कि साल 2022-23 में इस राज्य में 2,73,991 पद भरे हुए थे. लेकिन 25,396 पद ऐसे थे जिस पर किसी की भर्ती नहीं की गई थी.
ठीक इसी तरह साल 2021-22 में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के शिक्षकों के 2,99,327 पद स्वीकृत थे. इन स्वीकृत पदों में से 2,75,884 पद भरे हुए थे और 23,443 पद खाली थे.
वहीं साल 2020-21 में राजस्थान में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के शिक्षकों के 2,83,416 पद स्वीकृत थे. इनमें से 2,54,237 पद भरे हुए थे और 29 हजार 179 पद रिक्त थे.
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के शिक्षकों के 3,63,099 पद स्वीकृत हैं. सरकार ने बताया है कि 2022-23 मे प्रदेश में इनमें से 2,93,432 पद भरे हुए थे. सरकार के मुताबिक इस दौरान शिक्षकों के 69, 667 पद रिक्त रहे.
इसी तरह साल 2021-22 में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के इन स्वीकृत पदों में से 2,88,744 पद भरे हुए थे और 74 हजार 355 पद रिक्त थे.
सरकार की ओर से राज्य सभा में पेश किए गए जवाब के मुताबिक 2020-21 में शिक्षकों के दो लाख 88 हजार 744 पद भरे हुए थे और 74 हजार 355 पद रिक्त थे.
राज्यों में 1 से लेकर 8वीं तक के शिक्षकों संख्या और खाली पदों की संख्या देखें