उरई (जालौन) ८ अगस्त। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विद्यासागर मिश्र ने कहा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यप्रणाली से शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। बीएसए गलत ढंग से शिक्षकों का वेतन रोकने का कार्य कर रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई शिक्षकों को हतोत्साहित करने वाली है। शिक्षक इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार ३१ जुलाई को बेशिक शिक्षा परिषद जालौन की वेतनभोगी सहकारी समिति का निर्वाचन के दिन ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है और मतदाता शिक्षकों का वेतन रोक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सोसायटी चुनाव के संदर्भ में वेतन भोगी सहकारी समिति के सचिव के द्वारा चार दिन पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर अवगत करा दिया था ताकि मतदाता शिक्षक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। लेकिन ३० जुलाई तक विभाग द्वारा कोई पत्र जारी नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि वे खुद भी बीएसए को फोन कर व्यक्तिगत रूप से फोन कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को बता दिया था कि प्रत्येक पांच वर्ष में सोसायटी के होने वाले चुनाव में जनपद के लगभग १५०० अध्यापक अध्यापिका वोट डालती हैं।
जिले में सभी मतदाताओं में भ्रम की स्थिति बनी रही। ३० जुलाई की रात्रि लगभग ११ बजे मतदाताओं को वोट डालने की नोटिंग की गई लेकिन बीएसए की उक्त सूचना कोई भी विभाग के ग्रुप में नहीं डाली गई। जिससे जनपद के तमाम मतदाताओं को जानकारी नहीं हो सकी और भ्रम की स्थिति बनी रही। जिसके चलते 'बीएसए के आदेश का अक्षरशः पालन नहीं हो सका।
बहुत से अध्यापक मतदाता मिडडे मील का वितरण कराने के बाद ही अपना मत डालने गए। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक अपनी कड़ी मेहनत से माडल स्कूल बनाए हैं जिसकी तारीफ पूर्व के कई बीएसए कर चुके हैं उनका वेतन रोकना शिक्षकों का मनोबल गिराना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकरण को वे निर्वाचन आयोग व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तक ले जाएंगे।