इस जिले में तत्कालीन BSA के खिलाफ होगी कार्रवाई: दर्जनों शिक्षकों को सस्पेंड करने और पैसे लेकर बहाली करने के आरोप सही मिले, शासन से कार्रवाई की संस्तुति



चित्रकूट में तत्कालीन BSA के खिलाफ होगी कार्रवाई: 92 शिक्षकों को सस्पेंड करने और पैसे लेकर बहाली करने के आरोप सही मिले, शासन से कार्रवाई की संस्तुति

चित्रकूट, 2 दिन पहले 92 शिक्षकों को सस्पेंड करने और पैसे लेकर बहाली करने के आरोप सही मिले, शासन से कार्रवाई की संस्तुति।




ये तस्वीर राजीव रंजन मिश्रा की है। जो चित्रकूट BSA रहे और वर्तमान में जौनपुर के सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर तैनात हैं।
चित्रकूट जिले में BSA पद पर तैनाती के दौरान शिक्षकों का शोषण करने वाले व जौनपुर के सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक राजीव रंजन मिश्रा के खिलाफ शासन द्वारा अनुशासनिक कार्रवाई की गई है। आरोप है कि चित्रकूट में तैनाती के दौरान बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव रंजन मिश्रा ने अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए बिना किसी उचित कारण के 92 शिक्षकों को निलंबित किया था। फिर उनसे पैसे लेकर बिना किसी तरह के दंड या कमतर दंड देकर मनमाने ढंग से बहाली की।


इसके अलावा टेंडर वाली बोलेरो गाड़ी को हटाकर अपने परिचित की स्विफ्ट डिजायर कार लगाकर सरकारी धन का आहरण किया। अपने समकक्ष या पूर्वाधिकारियों द्वारा पारित किये गए दंडादेशों को अपने स्तर से निस्तारित करने, सामान्य कारणों में शिक्षकों को निलंबित करने और दूसरे स्थानों में बहाली करने के मामलों में दोष सिद्ध पाया गया है।

विधायक और जिला पंचायत सदस्य ने की थी शिकायत

तत्कालीन BSA राजीव रंजन मिश्रा की चित्रकूट के सदर विधायक अनिल प्रधान और जिला पंचायत सदस्य मीरा भारती ने शासन से शिकायत कर तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। राजीव इस समय जौनपुर में तैनात हैं। सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक राजीव रंजन मिश्रा ने चित्रकूट में BSA रहते बहुत भ्रष्टाचार किया था और शिक्षकों का शोषण किया था जिसको लेकर शिक्षकों द्वारा भी शिकायतें की गई थीं। तत्कालीन भ्रष्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव रंजन मिश्रा पर कार्यवाही की बात पर चित्रकूट में यूटा इकाई ने खुशी जाहिर की है।


डीआईओएस बोले- सही पाए गए भ्रष्टाचार के आरोप

इस मामले पर डीआईओएस देवेंद्र कुमार ने बताया कि तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी के अभी दोष सिद्ध हुए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा दोष सिद्ध करके विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई करने की संस्तुति की गई है।