लखनऊ, । राज्य सरकार द्वारा जारी तबादला नीति की अवधि समाप्त हो चुकी है। कुछ विभागों में तो बंपर तबादले हुए और कुछ में यह प्रक्रिया पूरी तक नहीं हो पाई। आवास विभाग में तो अभी सूची ही बन रही है। राज्य कर विभाग में सीटीओ स्तर के अफसरों के तबादले हुए, लेकिन इसके ऊपर वाले अधिकारियों के तबादले अभी तक नहीं हो पाए हैं।
इसके अलावा शिक्षा विभाग में ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते बाबुओं के तबादले भी नहीं हो पाए हैं। इसीलिए विभाग अभी और समय चाहते हैं। अब इस पर अंतिम फैसला कार्मिक विभाग को मुख्यमंत्री की अनुमति पर करना है।
राज्य सरकार हर साल तबादला नीति जारी करती है। इसमें सभी विभागाध्यक्षों को तय अवधि के लिए तबादले का अधिकार दिया जाता है। विभागीय मंत्री की अनुमति से विभागाध्यक्ष तबादले करता है। इस साल 30 जून तक तबादले की समय-सीमा तय की गई थी। इसमें जिले में तीन साल और मंडल में सात साल तक सेवा करने वालों को इसके दायरे में रखा गया था।
स्वास्थ्य, बेसिक, माध्यमिक समेत अन्य विभागों में तो बड़े स्तर पर तबादले हुए, लेकिन छोटे स्तर पर अभी भी बहुत के नहीं हो पाए हैं। राज्य कर विभाग में सचल दल इकाई और विशेष अनुसंधान शाखा में तैनाती की समय सीमा है। सचल दल इकाई में रहने की अवधि एक साल तय है। विशेष अनुसंधान शाखा में दो साल तक की सीमा है। प्रदेश में मौजूदा समय 150 हैं और विशेष अनुसंधान शाखा 45 हैं। इनमें तैनात अफसरों को हटाया जाना है।
स्वास्थ्य, बेसिक, माध्यमिक समेत अन्य विभागों में तो बड़े स्तर पर तबादले हुए, लेकिन छोटे स्तर पर अभी भी बहुत के नहीं हो पाए हैं। राज्य कर विभाग में सचल दल इकाई और विशेष अनुसंधान शाखा में तैनाती की समय सीमा है। सचल दल इकाई में रहने की अवधि एक साल तय है। विशेष अनुसंधान शाखा में दो साल तक की सीमा है। प्रदेश में मौजूदा समय 150 हैं और विशेष अनुसंधान शाखा 45 हैं। इनमें तैनात अफसरों को हटाया जाना है।