लखनऊ, मड़ियांव के मोहिबुल्लापुर स्थित एक निजी स्कूल ने तीन महीने से फीस जमा न होने पर हाईस्कूल के छात्र के प्रवेश पर रोक लगा दी। उसकी मां फीस नहीं जमा कर पा रहे अपने पति से झगड़ने लगी। दो दिन घर में इस को लेकर पति-पत्नी में खूब झगड़ा हुआ। गुरुवार को गुस्से में छात्र की मां (35) ने कमरे में फांसी लगा ली। मां के इस कदम से पूरा मोहल्ला अवाक रह गया। पति ने पुलिस से बताया कि वह दो हजार रुपये की व्यवस्था कर चुका था, दो हजार रुपये की और व्यवस्था करने में लगा हुआ था लेकिन पत्नी बेटे की पढ़ाई छूटने की वजह से ज्यादा गुस्से में आ गई और यह कदम उठा लिया। इस मामले में कोई एफआईआर नहीं दर्ज करायी गई है।
गायत्रीनगर में रहने वाले टाइल्स कारीगर श्यामू यादव ने बताया कि उसका बड़ा बेटा अभय (15) मोहिबुल्लापुर के एक निजी स्कूल में पढ़ रहा है। तीन महीने से वह फीस नहीं जमा कर पा रहा था। दो दिन पहले ही स्कूल प्रबन्धन ने अभय को स्कूल आने से रोक दिया था। इस बारे में श्यामू ने स्कूल प्रबन्धन से पूछा तो कहा गया कि फीस जमा करने के बाद ही बच्चे को स्कूल भेजना।
पैसे की कमी से एक बच्ची की पढ़ाई छुड़वा दी श्यामू ने बताया कि इस समय उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसी वजह से वह दूसरे नम्बर की बेटी अनन्या को नहीं पढ़ा सका था। उसकी कक्षा सात के बाद पढ़ाई छुड़ा दी थी। वह घर पर ही रहती है। वहीं छोटी बेटी कुमुद की शिक्षा के अधिकार के तहत फीस माफ हो गई है, इसलिये उसे स्कूल भेज रहा है।
पंखे से लटकी मिली
श्यामू ने बताया कि उसे जरा सा भी नहीं लगा था कि रेनू ऐसा कदम उठा लेगी। बेटे अभय ने उसे फोन किया कि मां ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया है। वह कोई जवाब नहीं दे रही हैं। वह बदहवास सा घर पहुंचा। पड़ोसियों की मदद से उसने दरवाजा तोड़ा तो अंदर रेनू का शव पंखे के हुक से लटकता मिला। परिवार में तीन बच्चे अभय, कुमुद और अनन्या हैं। इंस्पेक्टर मड़ियांव का कहना है कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। श्यामू ने बताया कि अभय की हर महीने 1200 रुपये फीस पड़ती थी। तीन महीने की फीस के करीब चार हजार रुपये वह नहीं जमा कर पाया था। बच्चे के स्कूल न जाने से रेनू परेशान थी।
● मौके से पुलिस को नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
अभी दो हजार ही है, बाकी का जल्द इंतजाम कर दूंगा…
श्यामू के मुताबिक यह बात जब पत्नी रेनू को पता चली तो वह उससे झगड़ने लगी। गुरुवार को भी वह फीस जमा करने की बात पर उससे कहासुनी करने लगी। श्यामू ने कहा कि दो हजार रुपये ही उसके पास है। दो-तीन दिन में ही दो हजार रुपये की और व्यवस्था हो जायेगी, फिर वह जमा कर देगा। इसके बाद वह काम पर चला गया।