सालभर में निर्णय नहीं, गुरुजी की फंसी पदोन्नति


सालभर में निर्णय नहीं, गुरुजी की फंसी पदोन्नति


प्रयागराज । सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम (सहायक अध्यापक) पद पर कार्यरत कला, व्यायाम, भाषा, शिल्प और संगीत शिक्षकों की सालभर से पदोन्नति फंसी हुई है। इन शिक्षकों के प्रवक्ता श्रेणी में पदोन्नति की अर्हता रखने के बावजूद कुछ मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों के स्तर से पदोन्नति नहीं की जा रही थी। तत्कालीन एमएलसी और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी के आपत्ति करने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने शासन को 26 अप्रैल 2022 को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। लेकिन सालभर से अधिक समय से न तो मार्गदर्शन मिला और न ही प्रमोशन हो सका।

क्या है विवाद विवाद एक इन विषयों के शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर दो प्रकार के विवाद चल रहे हैं। एक विवाद नवंबर 2015 में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक के एक स्पष्टीकरण से पैदा हुई। पूर्व में इंटर कॉलेजों के लिए फरवरी 1992 के शासनादेश में यह व्यवस्था थी कि यदि कोई अध्यापक दस साल तक 11 व 12 की कक्षा पढ़ा लेते हैं और प्रवक्ता पद की पात्रता रखते है तो उनको प्रवक्ता का वेतनमान दिया जाता था। पुन शासनादेश 25 अक्टूबर 2000 के द्वारा व्यवस्था दी गई कि जिन्हें इंटर की कक्षाएं पढ़ाते हुए दस वर्ष हो गया हो, उन्हें प्रवक्ता पदनाम दे दिया जाता था। नवंबर 2015 में शिक्षा निदेशक के स्पष्टीकरण के साथ यह विवादित हो गया।

विवद दो दूसरा विवाद है कि जब इनकी भर्ती उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से होने लगी तो एलटी ग्रेड के अन्य अध्यापकों की तरह इन्हें भी प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम में माना गया और चयन बोर्ड नियमावली 1998 के नियम 14 के अंतर्गत पांच साल की सेवा पूरी करने और प्रवक्ता पद की अर्हता रखने वाले कला, व्यायाम, भाषा, शिल्प और संगीत अध्यापको की भी पदोन्नति होती रही। लेकिन कुछ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने विवाद पैदा किया तथा पिछले वर्ष शिक्षा निदेशक माध्यमिक के द्वारा शासन से मार्गदर्शन मांगे जाने के साथ पदोन्नति ठप हो गई।

चयन बोर्ड नियमावली 1998 के नियम-14 अनुसार अन्य विषयों के अध्यापकों की भांति कला, व्यायाम, संगीत, भाषा आदि के शिक्षकों की पदोन्नति की व्यवस्था है। इन विषयों के शिक्षकों की भी पदोन्नति होनी चाहिए। लेकिन नियमों में स्पष्ट व्यवस्था होने के बावजूद अनावश्यक विवाद पैदा किया गया है।


लालमणि द्विवेदी, महामंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट

● कला, व्यायाम, भाषा, शिल्प, संगीत शिक्षकों का मामला

● सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में नहीं हो रहा प्रमोशन