कौशाम्बी, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज पर नौकरी करने वाले शिक्षकों में एक बार फिरा अफरातफरी मच गई है। ऐसे शिक्षकों पर एक बार फिर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है। यह वह शिक्षक है जो टीईटी व बीएड की फर्जी डिग्री पर अध्यापक बन गए हैं। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा तलब किया है।
कौशाम्बी के परिषदीय स्कूलों में फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की लंबी फेहरिस्त है। एसआईटी की जांच में भी इसका खुलासा हो चुका है। जांच के बाद एक दर्जन से अधिक शिक्षक बर्खास्त भी किए जा चुके हैं। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज है। इनके अलावा अभी भी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कई शिक्षक टीईटी व बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी कर रहे हैं। एसआईटी की जांच अभी चल रही है।
इससे पहले एक बार फिर फर्जी डिग्री का मामला तूल पकड़ने लगा है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज प्रताप सिंह बघेल ने बीएसए को पत्र भेज तथाकथित शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है। दोआबा के अलावा 35 जिलों के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में फर्जी दस्तावेज पर अध्यापक नौकरी कर रहे हैं। इन जिलों में कौशाम्बी के अलावा देवरिया, बस्ती, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, संत कबीर नगर, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, सोनभद्र, प्रतापगढ, प्रयागराज, मथुरा समेत 35 जिले शामिल है।
इनका कहना है
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद का पत्र मिला है। संबधित पटल के जिम्मेदार को अभिलेखों की जांच करने का निर्देश दिया जा चुका है। अभी कितने फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे जांच के बाद ही सामने आएगा।
कमलेन्द्र कुशवाहा, बीएसए