शाहजहांपुर,। जिले में शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले में लाखों की वसूली की बड़ी चर्चा है। यह राज तब खुलने शुरू हुए, जब शिक्षकों के चढ़ावा चढ़ाने के बाद भी ट्रांसफर नहीं हो पाए। शिक्षक और शिक्षिकाओं ने 100 से अधिक शिकायतें महानिदेशक से की हैं। बताया गया कि दूरी के हिसाब से ट्रांसफर कराने का ठेका एक बाबू ने लिया, सबसे अधिक दूर शामली और वेस्ट यूपी के जिलों के लिए दो-दो लाख तक चढ़ावा चढ़वाया गया, जबकि इस बाबू का ट्रांसफर प्रक्रिया में कोई अहम रोल नहीं था, उसने केवल ठगने का काम किया।
इन शिकायतों के बाद जिला स्तर पर सीडीओ की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने उन शिक्षकों के कागजात की जांच शुरू कर दी है, जिनके ट्रांसफर हुए हैं, जांच में देखा जा रहा है कि कहीं फर्जी पेपर तो नहीं लगाए गए। अधिकतर असाध्य रोगों से पीड़ित होने का दावा करने वाले शिक्षक निशाने पर हैं, दूसरी ओर बीएसए ने कहाकि ट्रांसफर के नाम पर वसूली के मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होंगे पर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले में जिले में भारी गड़बड़झाला की चर्चा है । असाध्य रोगी शिक्षकों के ट्रांसफर कराने के लिए बीएसए आफिस के एक बाबू का नाम बहुत ही चर्चा में है। चर्चा है कि असाध्य रोगी शिक्षकों से मेडिकल बोर्ड द्वारा पास कराने के नाम पर ढाई से तीन लाख रुपये तक बाबू द्वारा चढ़ावा चढ़वाया गया। जिले में सबसे ज्यादा जलालाबाद क्षेत्र में चढ़ावा चढ़वाने के चर्चे हैं। शिक्षकों ने बताया कि जलालाबाद क्षेत्र में एक शिक्षक ने अन्य शिक्षकों से वसूली की और रुपया बाबू तक पहुंचाया।
शिक्षकों ने बताया कि बीएसए ऑफिस में बाबू द्वारा असाध्य रोगी शिक्षकों से रुपया लिया गया, जिन शिक्षकों ने कम दिया, उन ने शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं हो पाया तो उन शिक्षकों ने बाबू की पोल खोलनी शुरू कर दी। अध्यापकों ने बताया कि जिस सीएमओ ने असाध्य रोगी का प्रमाणपत्र बनाया उसे उनके ही डॉक्टरों ने कैसे अमान्य कर दिया, ऐसे कई प्रश्नों के जवाब शिक्षकों को नहीं मिल पा रहे हैं। बीएसए कुमार गौरव ने बताया मामले कि जानकारी नहीं है, मामले की पड़ताल करेंगे, बाबू के नाम आने की जानकारी करेंगे।