नए सत्र के तीन महीने बीते, विभाग को नहीं पता आठवीं पास छात्रों की संख्या


बरेली, । ड्रॉपआउट रेट कम करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। अप्रैल में ही बेसिक शिक्षा को माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए कक्षा पांच और कक्षा आठ पास करने वाले छात्रों का रिकॉर्ड देना था। नया सत्र शुरू हुए तीन महीने बीत चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक यह रिकॉर्ड नहीं दिया गया है।

पूरे प्रदेश में औसत ड्राप आउट रेट 12 फीसदी है। बरेली की बात की जाए तो यहां 8.93 फीसद है। हर वर्ष 8.93 फीसदी छात्र-छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। लगातार बढ़ते ड्राप आउट रेट कम करने के शिक्षा मंत्रालय ने निर्देश दिए थे। सभी जिलों में प्राथमिक से उच्च प्राथमिक और उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में प्रवेश कराने के लिए ह्यमिशन ट्रांजिशनह्ण चलाने के निर्देश दिए गए थे।


 15 अप्रैल तक बेसिक शिक्षा विभाग को अपने पास आउट छात्रों का रिकॉर्ड माध्यमिक को देना था। दावे तो खूब हुए मगर हकीकत में कोई काम नहीं हुआ। पूरी अप्रैल और आधी मई पढाई स्कूल खुले रहे। अब लगभग आधी जुलाई भी बीतने वाली है। अभी भी माध्यमिक को यह रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है। ऐसे में मिशन ट्रांजिशन पटरी से उतरा हुआ है। शासन ने भी अब 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

विशेष नामांकन को निर्देश जारी डीआईओएस देवकी सिंह ने विशेष नामांकन अभियान के लिए सभी प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी किया है। कक्षा आठ पास छात्र-छात्राओं का कक्षा नौ में शत-प्रतिशत नामांकन कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी प्रगति की सूचना गूगल लिंक के माध्यम से उपलब्ध करानी है। नामांकन दर बढ़ाने के लिए हर ब्लॉक में नोडल अधिकारी भी तैनात किए गए हैं।

तत्काल उपलब्ध कराएंगे डेटा नवागत बीएसए संजय सिंह ने बताया कि अप्रैल में डीआईओएस कार्यालय को छात्रों का डेटा उपलब्ध कराने के संबंध में अभी उनके पास जानकारी नहीं है। यदि डेटा नहीं मिला है तो उसे तत्काल खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि विशेष नामांकन अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया जा सके। ड्राप आउट रेट को न्यूनतम स्तर तक लाया जाएगा।



बीच में पढ़ाई छोड़ने के कारण

● अपने घर के कार्यों में लगे रहना

● पुश्तैनी दस्तकारी, जरी, बुनकर आदि के काम

● घरेलू सहायिका के रूप में कार्य करना

● भाई-बहनों की देखभाल करना

● स्कूल दूर होना

● गंभीर दिव्यांगता

● अभिभावकों का गंभीर न होना

● अभिभावकों का शहर छोड़कर चले जाना

● बेसिक शिक्षा विभाग से आठवीं पास छात्रों को दिलाना था नौंवी में प्रवेश

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