देश अनुसंधान-नवाचार का केंद्र बनेगा मोदीपीएम बोले, यूएन में भी बोलता हूं अपनी भाषा
पीएम मोदी ने कहा, कोई कितना भी इनोवेटिव माइंड क्यों न हो, अगर वो अंग्रेजी नहीं बोल सकता था तो उसकी प्रतिभा को जल्दी स्वीकार नहीं किया जाता था। एनईपी के जरिए इस हीन भावना को पीछे छोड़ने की शुरुआत की है। मैं तो यूएन में भी भारत की भाषा बोलता हूं।
भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन के दौरान बच्चों से मिलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। ● प्रेट्र
नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि शिक्षा में देश का भाग्य बदलने की ताकत होती है। सॉफ्टवेयर से लेकर स्पेस तक की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, हर क्षेत्र में भविष्य भारत का है। अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने पर कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना है।
कार्यक्रम में पहुंचने पर प्रधानमंत्री छोटे बच्चों से भी मिले। बच्चों ने प्रधानमंत्री से कहा कि हमने आपको टीवी में देखा है। मोदी ने कहा, काशी के रुद्राक्ष से लेकर इस आधुनिक भारत मंडपम तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की इस यात्रा में एक संदेश भी छिपा है। ये संदेश है प्राचीनता और आधुनिकता के संगम का। एक ओर हमारी शिक्षा व्यवस्था प्राचीन परंपरा को सहेज रही है, आधुनिक टेक्नोलॉजी के फील्ड में भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे