प्रयागराज । सृजनात्मक और रचनात्मकता की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हिंदी व्याकरण पर भी बेहतर पकड़ हो । इसी को देखते हुए प्राइमरी से ही बच्चों में हिंदी व्याकरण की समझ बढ़ाने के लिए राज्य शिक्षा संस्थान व्याकरण पुस्तिका तैयार कर रहा है। जो जल्द ही पाठ्यक्रम में शामिल होगी।
कक्षा एक से पांचवीं तक के लिए व्याकरण पुस्तिका पर काम अंतिम दौर में है। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं में भाषिक अनुशासन का विकास हो सकेगा।
इसके साथ ही बच्चों में छोटी कक्षा से ही रचनात्मकता और सृजनात्मक क्षमता भी विकसित की जा सकेगी।
इसके साथ ही बच्चों में छोटी कक्षा से ही रचनात्मकता और सृजनात्मक क्षमता भी विकसित की जा सकेगी।